मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार से जुड़े मनसुख हिरेन के मर्डर केस में एनआईए को बड़ी सफलता हासिल हुई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अहमदाबाद से एक कोयला कारोबारी को हिरासत में लिया है। एनआईए ने कोयला कारोबारी किशोर ठक्कर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
एनआईए के सूत्रों के मुताबिक ठक्कर ने ही नरेश गोर को सिम कार्ड्स मुहैया कराए थे, जिसे एनआईए ने मनसुख हिरेन मर्डर केस में एक आरोपी के तौर पर अरेस्ट किया है। इसके बाद गोर ने उन सिम कार्ड्स को कॉन्स्टेबल विनयाक शिंदे को दिया था और पूर्व असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे को दिया था।
उस वक्त विनायक शिंदे गैंगस्टर लखन भैया के एनकाउंटर के केस में पेरोल पर आया था। एनआईए ने इस मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को मुख्य आरोपी माना है। पहले एनआईए ने मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार के मामले की ही जांच शुरू की थी, लेकिन अब वह मनसुख हिरेन की हत्या के मामले की भी पड़ताल कर रही है। संदिग्ध कार मिलने के केस में एनआईए ने 13मार्च को मुंबई पुलिस के निलंबित अफसर सचिन वाझे को अरेस्ट किया था। अब एनआईए मनसुख मर्डर केस में भी सचिन वाझे को ही मास्टरमाइंड के तौर पर देख रही है।
बता दें कि मनसुख की मौत के बाद उसकी पत्नी दर्ज कराई गई एफआईआर में सचिन वाझे पर संदेह होने की बात कही थी। इसी केस में महाराष्ट्र एटीएस ने कॉन्स्टेबल विनयाक शिंदे और नरेश गोर को गिरफ्तार किया था। दोनों को एटीएस ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। गोर पर सचिन वाझे को सिम कार्ड्स मुहैया कराने का आरोप है, जबकि विनायक शिंदे पर वाझे के ही कहने पर मनसुख हिरेन का मर्डर करने का आरोप है। शिंदे और नरेश गोर के बाद बीते सप्ताह ही एटीएस ने किशोर ठक्कर को इस केस में हिरासत में लिया था और एक गवाह बनया था।