कुख्यात हिडमा के 800 नक्सलियों ने 200 जवानों को यू शेप में घेर कर रॉकेट लॉंचर और इंसास राइफलों से हमला किया। जवानों ने बहादुरी से पलट कर हमला किया। 24 जवानों ने
शहादत देकर कितने आतंकियों का काम तमाम किया, इसकी सटीक जानकारी तो नहीं है लेकिन सूत्र बताते हैं कि हिडमा को अपने नक्सलियों की लाशें 4 ट्रैक्टरों में भर कर भागना पड़ा है।
संभवतः वो तेलंगाना के जंगलो में दुम दबाकर छुप गया है।
झारखण्ड, छत्तीसगढ़ से लेकर आंध्र प्रदेश तक की सरकारों के लिए नासूर बने नक्सली सरगना हिडमा ने बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर सुरक्षाबलों के दल पर रॉकेट लॉंचर और लाइट मशीन गन और इंसास राइफलों से घात लगाकर हमला किया है। तीनों राज्यों के इंटेलिजेंस चीफ की मीटिंग में नक्सलियों के पास मौजूद इन घातक हथियारों पर चिंता व्यक्त की गई। नक्सलियों की घातक क्षमता के बारे में गृहमंत्री अमित शाह को अवगत करा दिया गया है। इस बात की गंभीरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमित शाह चुनावी दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली वापस लौट आए हैं। नक्सली लीडर हिडमा को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए केंद्रीय स्तर से कोई बड़ा अभियान शुरू करने के संकेत भी अमित शाह ने दिए हैं।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसा रछत्तीसगढ़ नक्सली हमले में 24जवान शहीद हो गए हैं। कुख्यात नक्सली हिडमा को पकड़ने के लिए जवान उसके मांद में घुसे थे। 2000 जवानों की टीम अलग-अलग दिशा से हिडमा की टीम को पकड़ने के लिए जंगल में घुसी थी।
सुरक्षा बलों की टीम कई हिस्सों में बंटी हुई थी। एक टीम को हिडमा ने अपने जाल में फंसा लिया। उसके बाद जवानों की घेराबंदी कर उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हिडमा ने सुरक्षाबलों को तीन तरफ से घेर लिया था। जवान घने जंगल में फंसे थे और हिडमा के नक्सली पहाड़ के ऊपर से फायरिंग कर रहे थे।
चारों तरफ से घिरे जवानों ने पलट कर मुंहतोड़ जवाब दिया है। सुरक्षाबलों के पलट वार में कितने नक्सली मारे गए इसकी कोई सटीक जानकारी तो नहीं मिली है लेकिन पुख्ता सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बलों का जवाब रुकते ही नक्सली मौके से चार ट्रैक्टरों में अपने साथियों के शव लेकर भागे हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि हिडमा अपने कुछ गुर्गो के साथ भागकर तेलंगाना सीमा के जंगलों में छिप गया है। हिडमा के साथ रहने वाले नक्सलियों के पास कई अत्याधुनिक हथियार है। कई राज्यों की पुलिस नक्सली कमांडर हिडमा की तलाश कर रही है। उसके बावजूद भी वह पकड़ में नहीं आया है।