अमेरिकी वायुसेना का विमान एयरफोर्स वन अभी तक दुनिया का सबसे सुरक्षित और नायाब हवाई जहाज माना जाता था। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के एक दो और राष्ट्राध्यक्षों के पास लगभग उतनी ही सुरक्षा और क्षमता वाला हवाई जहाज है जितना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का। भारत ने जब बोइंग को एयरफोर्स वन जैसा विमान बनाने का ऑर्डर दिया तब ही अमेरिका ने अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए सुपरसोनिक जेट बनाने का आदेश दिया। ये विमान अमेरिकी राष्ट्रपति के अलावा किसी दूसरे राष्ट्राध्यक्ष के पास लंबे समय तक न होने की संभावना है।
ऐसा माना जा रहा है कि ये जहाज एयरफोर्स वन जैसा सुरक्षित होने के साथ ही दुनिया में सबसे तेज उड़ने वाला जहाज होगा। इसकी गति 2222 किलोमीटर प्रतिघण्टा होगी। कैलिफोर्निया की एक कंपनी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है जिसने इस अत्याधुनिक विमान की कुछ फोटो भी जारी की हैं। यह विमानकुछ ही सालों में अमेरिकी एयरफोर्स को सौंप दिया जाएगा। सुपरसोनिक जेटका इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्राओं के लिए किया जाएगा।
बताया जाता है कि कैलिफोर्निया की एक स्टार्ट-अप कंपनी अमेरिकी एयरफोर्स के साथ मिलकर एक सुपरसोनिक प्लेन का निर्माण कर रही है। इस स्टार्ट-अप का नाम एक्जोसोनिकहै और इसने अपने लो-बूम सुपरसोनिक जेट से अमेरिकी सेना को काफी प्रभावित किया था। जिसके बाद पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति और कार्यकारी एयरलिफ्ट निदेशालय ने उसके साथ सुपरसोनिक प्लेन के निर्माण के लिए एक कॉन्ट्रेक्ट किया।
एक्जोसोनिक के प्रिसिंपल एयरक्राफ्ट इंटीरियर डिजाइनर स्टेफनी चाहन (Stephanie Chahan) ने मीडिया को बताया कि इस विमान में जिस कॉन्सेप्ट पर काम किया जा रहा है वो अभी तक किसी भी कमर्शियल या बिजनेस प्लेन में नहीं है। स्टेफनी चाहन के मुताबिक इस विमान के एक प्राइवेट सुइट में तीन यात्रियों के लिए एक मीटिंग रूम, वीडियो टेलीकॉन्फ्रेसिंग और प्रेस को एड्रेस करने की सुविधा होगी। इसमें दो बाथरूम भी होंगे। जबकि दूसरे प्राइवेट सुइट में आठ यात्रियों के लिए इंतजाम मौजूद रहेंगे। इस प्लेन को मॉर्डन एयरक्राफ्ट डिजाइन की तरह ही तैयार किया गया है और इस प्लेन की सीट पर पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज को होल्ड करने के लिए स्पेस होगा।
स्टेफनी का कहना है कि इस एयरक्राफ्ट का केबिन डिजाइन यूएसएक्जक्यूटिव ब्रांच और उनके मिशन से प्रेरित है। प्लेन में बूम सॉफ्ट तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो भविष्य है। यह तकनीक विमान को सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरने देती है। उन्होंने बताया कि ये प्लेन ध्वनि की स्पीड से दोगुनी रफ्तार यानी लगभग 2222 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकेगा और वो भी बेहद कम आवाज के साथ।
एक्जोसोनिक सीईओ नॉरिस टाय ने कहा कि लो-बूम सुपरसोनिक फ्लाइट भविष्य में यात्रा करने का सबसे बेहतरीन साधन बनने वाला है। ये हमारा भविष्य है। लो बूम के चलते यात्री सुपरसोनिक स्पीड पर यात्रा कर सकते हैं। सबसे ज्यादा ख़ास बात यह है कि ऐसे विमानों में किसी तरह का ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होता है।