भारत में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज कर दिया गया है। कुछ राज्यों से वैक्सीन की कमी के खबर भी आ रहे हैं। महाराष्ट्र, राजस्थान से वैक्सीन की मांग हो रही है। ये राज्य वैक्सीन की कमी की बात कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य में अभी 4.83 वैक्सीन डोज का स्टॉक है जो 2 दिन में खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा, “हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि राज्य को 7 दिनों का स्टॉक उपलब्ध कराएं ताकि टीकाकरण अभियान सही तरीके से चलता रहे.”
हालांकि केंद्र सरकार ने कमी की बात को खारिज कर दिया है। अब खबर आई है कि भारत में जल्द ही अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा विकसित कोरोना वायरस की एकल खुराक वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो सकता है। कंपनी इस संबंध में लगातार केंद्र सरकार से बातचीत कर रही है। कंपनी ने शुक्रवार को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) को पत्र भेजकर मंजूरी के लिए जल्द ही आवेदन करने की बात कही है।
नहीं होगी वैक्सीन की कमी
रिपोर्ट के अनुसार जॉनसन एंड जॉनसन के प्रतिनिधि ने ईमेल के जरिए से कहा, "हम भारत में हमारी कोरोना वैक्सीन के ब्रिजिंग क्लिनिकल ट्रायल को शुरू करने के लिए भारत सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं।" बता दें कि ब्रिजिंग ट्रायल एक क्लिनिकल ट्रायल है जहां नियामक संस्था किसी भी वैक्सीन की सुरक्षा और इम्युनिटी की जांच करने के लिए वॉलेंटियरों को छोटी संख्या में (लगभग 1,000) नामांकन करने के लिए कहता है।
भारत में दो वैक्सीनों का किया जा रहा है उपयोग
भारत में फिलहार दो वैक्सीनों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है। इसमें एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा उत्पादित 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' शामिल है। इसके अलावा भारत में कई अन्य वैक्सीनों का भी क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है। इनमें रूस का स्पुतनिक-V और कैडिला हेल्थकेयर द्वारा विकसित वैक्सीन शामिल हैं। भारत ने अब तक कोरोनो वैक्सीन की नौ करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।