आमलकी एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व है। एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है। यह एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, और माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन आंवले की पूजा की जाती है। एकादशी व्रत की महिमा का वर्ण महाभारत में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वंय धर्मराज युधिष्टिर और अर्जुन को एकादशी व्रत के महामात्य के बारे में बताया था। श्रीकृष्ण के कहने पर ही युधिष्टिर ने एकादशी का व्रत विधि पूर्वक पूर्ण किया था। आमलकी एकादशी और रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है।
हिंदु धर्म में एकादशी का बहुत महत्व होता है फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है। हिंदू सनातन धर्म में इस व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। इस व्रत को रखने से भगवान की विशेष कृपा मिलती है।
एकादशी के नियम जानिए इस दिन क्या करें और क्या नहीं
– पुराणों में बताया गया है कि एकादशी तिथि पर पेड़-पौधों की टहनियां, फूल और पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए। भगवान विष्णु को तुलसी का पत्ता बहुत ही प्रिय होता है। उनकी पूजा में इसका प्रयोग होता है, ऐसे में एक दिन पहले ही तुलसी के पत्तों को तोड़कर रख लेना चाहिए फिर एकादशी के दिन पूजा में इस्तेमाल करना चाहिए।
– एकादशी के दिन बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटना चाहिए।
– एकादशी पर किसी से बहस और लड़ाई- झगड़ा नहीं करना चाहिए। इस दिन अपने से बड़े लोगों का भूलकर भी अपमान नहीं करना चाहिए।
– एकादशी पर व्रत करने के दौरान सात्विक विचार रखना चाहिए
– एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
– इसके अलावा एकादशी के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन मांस, शराब, प्याज- लहसुन नहीं खाना चाहिए।
आमलकी एकादशी का महत्व
आमलकी एकादशी 25 मार्च को है, ये एकादशी फाल्गुन मास की अंतिम एकादशी है। 28 मार्च को शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर फाल्गुन मास समाप्त हो रहा है। इसके बाद चैत्र मास का आरंभ होगा। चैत्र मास से ही हिंदू नववर्ष का आरंभ माना जाता है। आमलकी एकादशी जीवन में आंवला के महत्व को बताता है। आंवला को आदि वृक्ष भी कहा गया है। शास्त्रों के अनुसार आंवला के वृक्ष में भगवान विष्णु निवास करते हैं।
आमलकी एकादशी तिथि का मुहुर्त
आमलकी एकादशी तिथि आरंभ: 24 मार्च को प्रात: 10 बजकर 23 मिनट से.
आमलकी एकादशी तिथि समापन: 25 मार्च प्रात: 09 बजकर 7 मिनत तक.
आमलकी एकादशी व्रत पारण मुहुर्त: 26 मार्च प्रात: 06:18 बजे से 08:21 बचे तक.