हिन्दू माह कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है। आंवला नवमी को अक्षय नवमी के रूप में भी मनाया जाता है (Amla Navami or Akshay Navami 2020)। इस दिन भगवान विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आंवला को अमृत फल भी कहा जाता है, आंवला के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है (Significance of Amla Navami)। यही वजह है कि इस दिन को आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है। आंवला की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि इसी दिन से सतयुग का प्रारंभ हुआ। इस बार आंवला नवमी 23 नवंबर दिन सोमवार से शुरू होकर 24 नवंबर तक रहेगी (Amla Navami Date and Time)।
आंवला नवमी को अक्षय नवमी और कुष्मांडा नवमी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन कुष्मांडा नाम के राक्षस का वध भगवान विष्णु ने किया था। जिसके बाद से कुष्मांडा नवमी मनाई जाने लगी।
<strong>आंवला नवमी पूजा विधि (Amla Navami Puja Vidhi)</strong>
आंवला नवमी पर 30 चौकोर खाने हल्दी से बनाए जाते हैं। इसे कोठा भी कहा जाता है, प्रत्येक खाने को विभिन्न प्रकार की दाल से भरा जाता है। शाम के समय आंवला वृक्ष के नीचे प्रसाद तैयार किया जाता है और पूजा करने के बाद वृक्ष के नीचे ही प्रसाद ग्रहण करने से उत्तम स्वास्थ्य और धन धान्य प्राप्त होता है।
<strong>आंवला नवमी तिथि ((Amla Navami Date and Time))</strong>
इस वर्ष आंवला नवमी का आरंभ 23 नवंबर को सुबह 4 बजकर 57 मिनट से हो रहा है। नवमी तिथि 24 नवंबर को सुबह 7 बजकर 21 मिनट तक रहेगी।.