Hindi News

indianarrative

शिक्षा मंत्री का निर्देश – छात्रों के घर पहुंचाई जाएगी शिक्षण सामिग्री

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने स्कूली छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश इंटरनेट के अभाव में भी छात्रों की लर्निग बेहतर करेंगे। ये दिशानिर्देश तीन प्रकार की स्थितियों के लिए सुझाए गए हैं। सबसे पहले, जिसमें छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन नहीं है। दूसरे, जिसमें छात्रों के पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं। अंत में, जिसमें छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, "दिशानिर्देश स्कूल के साथ काम करने वाले समुदाय पर जोर देते हैं ताकि शिक्षकों और स्वयंसेवकों द्वारा बच्चे अपने दरवाजे पर शिक्षण सामग्री जैसे वर्क्‍स बुक, वर्कशीट आदि प्राप्त कर सकें। यह सामुदायिक केंद्र में टेलीविजन स्थापित करने और सामाजिक दूरी मानदंडों को बनाए रखने के द्वारा स्थानीय छात्रों को पढ़ाने का भी सुझाव देता है।"

ये दिशानिर्देश समुदाय केंद्र और पंचायती राज के सदस्यों की मदद से सामुदायिक केंद्र में एक हेल्पलाइन स्थापित करने की भी बात करते हैं। यह माता-पिता के उन्मुखीकरण की सलाह देते हैं कि वे अपने बच्चों के सीखने में सहायता और भाग लें।

तीनों स्थितियों में वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर के उपयोग और आरोपण का सुझाव दिया जाता है। दिशानिदेशरें केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में डिजिटल संसाधनों की पहुंच पर एनसीईआरटी द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है।

राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए सतत शिक्षण योजना के लिए भी तैयार है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "दिशानिर्देश उन बच्चों की मदद करेंगे, जिनके पास अपने शिक्षकों या स्वयंसेवकों के साथ घर पर सीखने के अवसर प्राप्त करने के लिए डिजिटल संसाधन नहीं हैं। इसके अलावा, यह उन सभी छात्रों की सीखने की कमियों को दूर करने के हमारे प्रयासों में भी मदद करेगा जो विभिन्न वैकल्पिक तरीकों के माध्यम से घर पर सीख रहे हैं यानी, रेडियो, टीवी, स्मार्ट फोन आदि का उपयोग कर रहे हैं।"

इस अवसर पर ने निशंक ने कहा, "कोविड-19 के वर्तमान महामारी के दौरान, शिक्षा मंत्रालय के तहत संस्थानों ने एक साथ काम किया और डिजिटल माध्यम से घर पर बच्चों को स्कूली शिक्षा देने का प्रयास किया। वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर, दिशानिर्देश, डिजिटल शिक्षा, निष्ठा ऑनलाइन चैनल आदि कुछ ऐसी पहलें हैं जो बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने के लिए की गई हैं।".