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Haridwar Kumbh 2021: कुंभ में सीएम ने किया श्रद्धालुओं का स्वागत, शाही स्नान पर की गई पुष्पवर्षा

उत्तराखंड सीएम ने हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं का किया स्वागत। फोटो-आईएएनएस

Haridwar Kumbh 2021: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर गुरुवार को कुंभ में प्रथम शाही स्नान रहा (First Royal bath MahaShivratri)। इसे विशेष बनाने के लिए उत्तराखंड प्रशासन द्वारा कुंभ में साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई (Pushpvarsha)। हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा का आयोजन संतों का स्वागत करने के लिए किया गया। इस स्वागत से साधु-संत काफी खुश नजर आए।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्य, भव्य और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हरिद्वार में अखाड़े के साधु-संतों का स्नान विशेष रहा। संतो ने यहां मंत्र एवं श्लोक उच्चारण के बीच स्नान शुरू किया। सभी साधु संतों ने शांतिपूर्ण तरीके से स्नान किया। सभी अखाड़े के साधु संतों का स्नान होने के पश्चात फिर जनता ने स्नान किया। कई श्रद्धालुओं ने सुबह सुबह ही स्नान किया और वे अपने घरों को लौट गए।

महाशिवरात्रि के शाही स्नान पर राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी हरिद्वार पहुंचे। यहां उन्होंने हर की पैड़ी पहुंचकर मां गंगा से प्रदेशवासियों की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर शाही स्नान के लिए मां गंगा के तट पर आए साधु-संतों और श्रद्धालुओं का मुख्यमंत्री ने स्वागत किया।

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मां गंगा में शाही स्नान करने के लिए श्रद्धालु रात से ही जुटने लगे थे। जनता की सुविधा के लिए सरकार ने कई इंतजाम कर रखे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में जनता के लिए कोई भी रोक-टोक नहीं है, किसी से भी सख्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने जनता से निवेदन किया कि कोविड-19 से बचाव की गाइडलाइन का पालन करने के साथ ही मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

हरिद्वार में 11 मार्च को महाशिव रात्रि व 12 मार्च को सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल और कोरोना एसओपी का पालन करना होगा। इन शाही स्नानों से हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को अब 72 घंटे पहले की कोरोना की जांच रिपोर्ट अपने साथ लानी होगी। हालांकि इस दौरान साधु संतों की थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की जाएगी।

हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर केवल 28 दिन का होगा। उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है। कुंभ मेला एक अप्रैल से 28 तक आयोजित किया जाएगा।