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बुजुर्ग को अचानक ‘भैंसासुर’ बनते देख लोग हुए हैरान, नागपंचमी पर जानवरों की तरह खाने लगता है, ये है सच्चाई

आदमी बन भैंसासुर

वैसे इस बात में कोई शक नहीं है आस्था के नाम पर आज भी लोगों में अंधविश्वास कायम है। यूं तो इंटरनेट की दुनिया में आए दिन कई अंधविश्वास पैदा करने वाले वीडियो वायरल होते रहते हैं। इन दिनों एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है  है, जिसे लेकर ऐसा दावा किया जा रहा है कि शख्स के उपर हर तीसरी नागपंचमी को भैंसासुर सवार हो जाता है। वायरल हो रहे वीडियो में शख्स नाद में भूसा खाता हुआ दिख रहा है।

दरअसल, मामला उत्तर प्रदेश के महाराजगंज का है। जहां वीडियो में एक शख्स जानवरों की तरह नाद में भूसा खाता दिखाई दे रहा है। इस वीडियो को देखकर किसी का भी हैरान रह जाना लाजमी है। शख्स नाद में पानी के साथ साने गए भूसे को मुंह डुबोकर खाता हुआ नजर आ रहा है। इस दौरान वहां लोग हाथ जोड़कर खड़े हैं और उसकी पूजा करते दिखाई दे रहे हैं।

पशुओं की तरह भूसा खाता दिखा शख्स

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में आप शख्स को किसी जानवर की तरह भूसा खाते देख सकते हैं। वहीं पास खड़े लोग उसे फल और घास फूस, पत्तियां भी खिलाते नजर आ रहे हैं। मामला महाराजगंज के कोल्हुई इलाके का बताया रहा है। इस शख्स को लोग 'भैंसासुर' मानकर उसकी पूजा करते नजर आ रहे हैं। आपको वीडियो में कई लोग शख्स से आशीर्वाद लेते दिखाई दे रहे होंगे। वहीं शख्स भी खड़े होकर अपने दोनों हाथ उठाकर लोगों को आशीर्वाद देता नजर आ रहा है।

यहां देखें वीडियो…

वीडियो में आप बुजुर्ग के सामने पानी से भरी नाद देख सकते हैं। इसमें भूसा डाला गया है। आप देख सकते हैं कि शख्स नाद में अपना सिर घुसाता है और भूसा खाने लगता है। इसके अलावा शख्स अजीबो-गरीब हरकतें करता नजर आता है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि भारी संख्या में लोग इस शख्स का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। कई लोग इस दृश्य को कैमरे में कैद भी कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग 'भैंसासुर' का जयकारा लगाते सुने जा सकते हैं। 

आस्था या अंधविश्वास?

यहां के लोगों का मानना है कि कोल्हुई थाना क्षेत्र के रुद्रपुर शिवनाथ गांव का रहने वाला यह शख्स नागपंचमी पर इंसान से 'भैंसा' बन जाता है। शख्स का नाम बुधीराम है, जो रोडवेज का रिटायर्ड कर्मचारी है। बताया जाता है कि नागपंचमी के दिन शख्स का रवैया अजीब हो जाता है। पिछले कई सालों से वह हर तीसरे साल नागपंचमी के दिन गांव में स्थापित भैंसासुर की प्रतिमा के सामने बैठ जाता है और नाद में पशुओं की तरह ही भूसा खाने लगता है।