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राजस्थान में एहतियात के साथ खुले धार्मिक स्थल

राजस्थान में एहतियात के साथ खुले धार्मिक स्थल

पांच महीने से भी अधिक समय बाद आख़िरकार राजस्थान सरकार ने कुछ नियमों के साथ धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति दे दी। लोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड-19 दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉलों का सख्ती से पालन करना होगा। गृह विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार, मंदिर की घंटियां बजाने, धार्मिक स्थलों पर फूल, पंखुड़ियों, माला, प्रसाद और पूजा की अन्य सामग्री के चढ़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध है।

<strong>धार्मिक स्थल के पवित्र परिसर में प्रवेश और निकास मार्गो पर भक्तों की केवल एक कतार होगी। मंदिर की परिधि में सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए केवल 50 भक्तों को अनुमति दी जाएगी।</strong>

भक्त देवी/देवताओं की मूर्तियों से 50 फीट की दूरी पर रहकर प्रार्थना कर सकते हैं। मास्क पहनना अनिवार्य है और सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित है। नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगेगा।

इस बीच, राजधानी जयपुर में गोविंद देव जी और मोती डूंगरी गणेश मंदिर सहित कुछ बड़े मंदिर कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए बंद रहेंगे।

<strong>अशोक गहलोत सरकार ने 1 जुलाई से ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या के साथ कुछ धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दी थी, लेकिन महामारी के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धार्मिक स्थल बंद रहे।</strong>

जहां 7 सितंबर से बड़े मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति दी गई है, उनकी प्रबंधन समितियों को भक्तों के लिए परिसर को फिर से खोलने पर अंतिम फैसला करने का अधिकार है। अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान सरकार उनके फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी।.