Hindi News

indianarrative

दूरसंचार उपकरण बनाने वाले कारखानों की चांदी, सरकार ने लांच की 15 हजार करोड़ की पीएलआई

भारत सरकार ने टेलिकॉम उत्पादन सेक्टर में इम्पोर्ट कम करने, चीन पर निर्भरता को कम करने और देशज उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम लॉंच की है। सरकार की इस योजना से दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनियों की चांदी होने वाली है। बताया जाता है कि पीएलआई 15 हजार करोड़ रुपये की है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पीएलआई से दूरसंचार उपकरणों के उत्पादन और निर्यात में 50 फीसदी से ज्यादा की बढोतरी हो सकती है।

बताया गया है कि टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए जो पीएलआई स्कीम तैयार की है उसके तहत 5 साल तक इंसेंटिव दिया जाएगा। प्रोडेक्शन लिंक इंसेंटिव से टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बंपर फायदा होगा। सूत्रों के मुताबिक पीएलआई से उत्पादन, एक्सपोर्ट में 50 फीसदी बढ़ोतरी होगी। भारत हर साल 45,000 करोड़ रुपये का सालाना इक्विपमेंट दूसरे देशों से खरीदता है। अनुमान है कि इस स्कीम से देश में 5 साल में 2.41 लाख करोड़ रुपये के इक्विपमेंट का उत्पादन होगा। 5 साल में 1.81 लाख करोड़ रुपये के इक्विपमेंट का निर्यात होगा।

एक अनुमान के मुताबिक साल 2019 में 32,900 करोड़ रुपए के टेलीकॉम इक्विपमेंट का इंपोर्ट हुआ लेकिन उत्पादन महज 12,000 करोड़ रुपये का ही हुआ। अनुमान लगाया गया है कि पीएलआई लागू होने के बाद स्थिति बदलेगी। इस स्कीम के बाद चालू वर्ष में 36,855 करोड़ रुपए के टेलीकॉम इक्विपमेंट का आयात होगा तो 23,000 करोड़ रुपये का उत्पादन की संभावना है। अगले साल 2021 में देश में 41,277 करोड़ रुपए के टेलीकॉम इक्विपमेंट का इंपोर्ट हो सकता है। जबकि देश में 34,000 करोड़ रुपये का उत्पादन हो सकता है। लेकिन साल 2024 में स्थिति पलट जायेंगी भारत में 24150 करोड़ रुपए के उपकरणों का उत्पादन होगा जबकि खऱीददारी 2,34 हजार करोड़ रुपए रह जायेगी। इसी तरह से उत्पादन और निर्यात में बढ़ोतरी होगी और आयात एक एक संतुलन में कम होता रहेगा।.