मंहगाई भत्ते (Dearness Allowance) का इंतजार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बेसब्री से है। लेकिन कैबिनेट सेक्रेटरी के साथ हुई बैठक को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) को लेकर खास ऐलान किया जाएगा, लेकिन ऐसे कुछ भी नहीं हुआ। लेकिन केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स अभी भी मंहगाई भत्ते को लेकर उम्मीद कर रहे है। चलिए आपको आज हम महंगाई भत्ते से जुड़ी सभी जानकारी देते है।
महंगाई भत्ता क्या है ?- महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है। ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में कोई फर्क न पड़े। ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी। उस वक्त सिपाहियों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए तनख्वाह से अलग यह पैसा दिया जाता था। उस वक्त इसे खाद्य महंगाई भत्ता या डियरनेस फूड अलाउंस कहते थे। भारत में मुंबई से 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा।
महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन कैसे होता है?- महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन के लिए एक फॉर्मूला है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ये फॉर्मूला है [(पिछले 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) का औसत – 115.76)/115.76]×100. अब अगर पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (PSU) में काम करने वाले लोगों के महंगाई भत्ते की बात की जाए तो इसके कैलकुलेशन का तरीका यह है- महंगाई भत्ता प्रतिशत= (बीते 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (बेस ईयर 2001=100)-126.33))x100
क्या होता है ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI)?– भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते है।
कितना फायदा होगा?- 7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी कैलकुलेशन के लिए कर्मचारी की बेसिक सैलरी पर DA कैलकुलेट करना होगा। मान लीजिए किसी की बेसिक सैलरी 25,000 रुपए है तो उसका DA 25,000 का 28% तक बढ़ जाएगा। मतलब ये कि DA में वृद्धि 25,000 रुपए का 11% यानी कुल 2750 रुपए होगा। इसी तरह बाकी केंद्रीय कर्मचारियों की भी सैलरी 7th CPC Pay Matrix में अलग-अलग होगी। अपनी बेसिक सैलरी को देखकर इसे कैलकुलेट किया जा सकता है।
महंगाई भत्ते पर भी देना होता है टैक्स?– महंगाई भत्ता पूरी तरह टैक्सेबल होता है। भारत में आयकर नियमों के तहत इनकम टैक्स रिटर्न में महंगाई भत्ते के बारे में अलग से जानकारी देना होती है। मतलब आपको जितनी रकम महंगाई भत्ते के नाम पर मिलती है वह टैक्सेबल है और उस पर टैक्स चुकाना होगा।
दो तरह के होते हैं महंगाई भत्ते– महंगाई भत्ता दो तरह का होता है। पहला इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस और दूसरा वेरिएबल डियरनेस अलाउंस। इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस का संशोधन हर 3 महीने में होता है। ये केंद्र सरकार के पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए होता है। इसका आकलन सीपीआई के आधार पर होता है। वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का रिवीजन हर 6 महीने में होता है। वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का आकलन भी सीपीआई के आधार पर होता है।
कितना बढ़ सकता है DA?– जनवरी 2020 में DA में 4%, जून 2020 में 3% और जनवरी 2021 में 4% की बढ़ोतरी हुई है। जल्द ही पिछले साल से फ्रीज DA से रोक हट सकती है। इसके बाद इसे लागू करने का फैसला किया जाएगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं कि यह कब होगा। करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को इसका फायदा मिलेगा।