क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कुछ देश वैधानिक दर्जा देने की सोचने लगे हैं सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैधानिक दर्जा दे दिया है। क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देने वाला अल सल्वोडोर दुनिया का पहला देश बन गया है। अब तक किसी देश ने इसे अपनी वैध करेंसी नहीं घोषित किया था। अल-सल्वाडोर अब आधिकारिक रूप से पहला देश बन गया है कि जहां बिटकॉइन को किसी भी सौदे के लिए कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता मिल गई है। अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई। राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 33,98 डॉलर से बढ़ कर 34,398 डॉलर पर पहुंच गई।
राष्ट्रपति बुकेले ने सोमवार को ऐलान किया था कि देश की कानूनी मुद्रा बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा। देश में क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर को तुरंत स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी जाएगी। राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद अल-सल्वाडोर में प्रॉपर्टी की पूछताछ बढ़ गई। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बिटकॉइन और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट अब स्वतंत्र तौर पर स्थापित होने लगेंगे। कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा। बिटकॉइन में लेन-देन कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे। डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे।
इस कानून पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिलिकन वैली के एंजेल इनवेस्टर बालाजी श्रीनिवास ने कहा कि यह अद्भुत फैसला है। अब उन सभी इकोनॉमिक एजेंटों को बिटकॉइन में पेमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए, जो टेक्नोलॉजी के तौर पर इसमें सक्षम हैं। हाल में दुनिया भर के क्रिप्टोकरेंसी में काफी तेजी देखी गई है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में निवेशकों के बीच इसने काफी दिलचस्पी पैदा की है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के आरबीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।