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नहीं करनी पड़ेगी नौकरी! यहां कम इन्वेस्टमेंट करने पर हो रहा है मोटा मुनाफा, घर बैठे कमा सकते हैं लाखों रुपए

थोड़ा इन्वेस्ट कर कमाए लाखों रुपए महीने

पूरी दुनिया में कोहराम मचा रही कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर के रख दिया है। इस महामारी के चलते कोरोड़ों लोगों की नौकरी चली गई है, हर किसी को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस महामारी ने सबको एक चीज सिखाया है वो है फाइनेंशियल प्लानिंग और पैसिव इनकम यानी कमाई के दूसरे जरिए की महत्ता। आज हम आपको पैसिव इनकम के बारे में बताएंगे जिसके लिए आपको ज्यादा कोशिश करने की जरूरत नहीं है, बस आपको हर महीने अपनी सैलरी से कुछ हिस्सा इसमें निवेश करना होगा और यह आपके एडिशनल सोर्स ऑफ इनकम बन जाएगा।

बताते चलें कि पिछले कुछ सालों में REIT, क्रिप्टोकरेंसी, पीयर-टू-पीयर लेंडिंग का क्रेज काफी बढ़ा है, इसके बावजूद किसी जगह निवेश करने से पहले उसकी अच्छाई और बुराई के बारे में जानना जरूरी है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स एक बात हमेशा कहते हैं कि आपका पोर्टफोलियो हमेशा बैलेंस होना चाहिए। इसमें रिस्क के साथ-साथ अश्योर्ड रिटर्न स्कीम्स भी शामिल करें।

शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड निवेश

शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेश का पुराना साधन है और कोरोना काल में इसमें ज्यादा से ज्याद लोग पैसा लगाने लगे। शेयर बाजार में निवेश करना रिस्की जरूर होता है लेकिन समझदारी के साथ अगर अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग सेक्टर की बड़ी और छोटी कंपनियों को शामिल करेंगे तो नेट आधार पर हमेशा फायदे में रहेंगे। म्यूचुअल फंड में भी डेट फंड ज्यादा सुरक्षित रहता है जबकि इक्विटी फंड के साथ रिस्क ज्यादा होता है।

इनमे करें निवेश

पीयर-टू-पीयर लेंडिंग एक नया सेविंग इंस्ट्रूमेंट है, इसके अलावा लीज फाइनेंशिंग, वेंचर कैपिटल, फ्रैक्शनल इन्वेस्टमेंट, REIT जैसे निवेश के कई विकल्प बाजार में उपलब्ध है। आप पीयर-टू-पीयर लेंडिंग के तहत किसी जरूरतमंद इंडिविजुअल या बिजनेस को लोन देते हैं जिसपर आपको इंट्रेस्ट भी मिलता है और साथ में लोन रीपेमेंट भी किया जाता है। वेंचर कैपिटल के तहत आप आइडिया के लिए निवेश करते हैं। आइडिया किसी और का होता है लेकिन फंडिंग आप करते हैं।

इंफ्लेशन के खिलाफ जरूरी है हेजिंग

पिछले कुछ सालों में निवेश के इन साधनों के प्रति दिलचस्पी इसलिए बढ़ी है क्योंकि सेविंग्स और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे परंपरागत साधनों के लिए इंट्रेस्ट रेट काफी घट गया है। यहां रिटर्न बेहतर मिलता है, फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि यह महंगाई के खिलाफ हेजिंग जैसा है। अगर आप ऐसे जगहों पर निवेश नहीं करते हैं तो परंपरागत निवेश के तरीकों के जरिए जो मिलता है वह इंफ्लेशन से नेट आधार पर शून्य रह जाता है।