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कंगाल पाकिस्तान को नहीं मिल रहा उधार, खुद को रखेगा गिरवी!

कंगाल पाकिस्तान को नहीं मिल रहा उधार, खुद को रखेगा गिरवी!

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार का ज्यादातर समय इस चर्चा में बीतता है कि कर्ज कहां से लिया जाए। कंगाल पाकिस्तान (Pakistan in debt) को जहां से भी कर्ज मिलने की संभावना हो वो मांगने से गुरेज नहीं करता। पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था (Poor Economic conditions in Pakistan) उधार के भरोसे चल रही है। आलम ये है कि पाकिस्तान को कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है। पाकिस्तान ने अपने खास दोस्त (Pakistan close ally china) चीन, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से लोन लिया हुआ है। कर्ज की रकम से समस्या दूर नहीं होती, सउदी अरब ने 2 बीलियन डॉलर उधार की रकम वापस मांग लिया है। इसके साफ संदेश सउदी अरब ने पाकिस्तान को दे दिया है। ऐसा होने पर पहले से ही खाली होने के कगार पर पहुंच चुका पाकिस्तान का विदेशी पूंजी भंडार (Dwindling Foreign Reserve of Pakistan) नाम मात्र का रह जाएगा। कंगाल पाकिस्तान (Bailout Pakistan) को कोविड-19 के इस समय में किसी देश से नई उधारी नहीं मिल रही। ऐसे में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने यूरोबॉन्ड के जरिए कर्ज लेने का नया पैंतरा चला है (Pakistan will launch Eurobond)। खास बात ये है कि इसके लिए पाकिस्तान को अपनी संपत्तियों को गिरवी रखना पड़ेगा (Pakistan keep his assets as guarantee)।

पाकिस्तान को उम्मीद है कि यूरोबॉन्ड से तकरीबन 1 बीलियन डॉलर की रकम जमा की जा सकेगी। इससे विदेशी पूंजी भंडार को मैनेज किया जा सकेगा। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यूरोबॉन्ड के माध्यम से रकम जमा की जाएगी। ये यूरोबॉन्ड दिसंबर-जनवरी के आसपास निकाले जाएंगे। अधिकारी के मुताबिक दुनिया के 10 बैंकों ने इसके लिए बिड किया है। सूत्रों के मुताबिक जिन बैंकों ने बिड दिया है उनमें बैंक ऑफ चाइना, बैंक ऑफ अमेरिका, जेपी मॉर्गन बैंक, मीजान बैंक, दुबई इस्लामिक बैंक, सिटी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, अमीरात एनबीडी बैंक, ड्यूश बैंक शामिल हैं।

पाकिस्तान की मौजूदा सरकार यूरोबॉन्ड की खिलाफत करती रही है। आर्थिक सलाहकारों ने कई बार अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड के जरिए पैसे जुटाने की सलाह दी। लेकिन कई मंत्रियों ने इसका विरोध किया। लेकिन अब पाकिस्तान के पास कोई और विकल्प नहीं है। कंगाली की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान को अब अपनी संपत्तियां गिरवी रखकर यूरोबॉन्ड से पैसा जमा करना होगा।

<strong>क्या है यूरोबॉन्ड, कैसे मिलता है कर्ज</strong>

यूरोबॉन्ड एक तरह का अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड है, जिसे बाहरी बॉन्ड (External Bond) भी कहते हैं। इसे देश की करंसी सीमा से बाहर जारी किया जाता है। कर्ज भी बाहरी मुद्रा में मिलता है। हालांकि इसके लिए संपत्ति को गिरवी भी रखना पड़ता है।.