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इस तरह FD में लगाए पैसा, टैक्स में छूट के साथ रिटर्न भी मिलेगा ज्यादा, देखिए क्या है तरीका

इस तरह FD में लगाए पैसा, टैक्स में छूट के साथ रिटर्न भी मिलेगा ज्यादा

आज के समय में लोगों को अपने पैसे को निवेश करने का सबसे बेहतर विकल्प बैंक एफडी है। सेफ इंवेस्टमेंट ऑप्शन की जब भी बात होती है तो सबसे पहले बैंक एफडी (Fixed Deposit) का ही नाम आता है। पीएसयू बैंक एफडी में सबसे कम ब्याज दर 5 फीसदी है, इसके बाद भी यह निवेशकों का सबसे पसंदीदा ऑप्शन बना हुआ है क्योंकि यह रिस्क-फ्री इंवेस्टमेंट है। अगर आप भी अपनी एफडी कराने जो रहे हैं तो यह आपके लिए काम की खबर है, आईए जानते हैं FD से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।

बैंक एफडी के जरिए निवेशकों को ब्याज के साथ-साथ टैक्स छूट का भी फायदा मिलता है। इस वजह से भी यह निवेश का अच्छा विकल्प माना जाता है। फिक्स्ड डिपॉजिट बिना किसी मेडिकल चेक-अप के फ्री जीवन बीमा के साथ आते हैं, जिसमें कवर एफडी राशि के बराबर होता है।

FD में निवेश के फायदे

FD को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।

इसमें जमा किए गए मूल धन पर कोई जोखिम नहीं होता। साथ में आपको एक तय अवधि में रिटर्न भी मिल सकता है।

इसमें निवेश किया गया मूल धन इसलिए सुरक्षित रहता है क्योंकि एफडी पर बाजार में उतार-चढ़ाव का कोई सीधा असर नहीं पड़ता है।

इस स्कीम में निवेशक मासिक तौर पर ब्याज का लाभ ले सकते हैं।

आमतौर पर एफडी पर मिलने वाला ब्याज दर अधिक है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो यह सबसे अधिक रिटर्न देता है।

किसी भी एफडी में एक ही बार निवेश करना होता है। अधिक डिपॉडिट के लिए दूसरी एफडी करनी होती है।

एफडी की एक मेच्योरिटी अवधि होती है, आपको इतने साल के लिए पैसा जमा करना होगा। लेकिन इसफा फायदा यह भी है कि जरूरत पड़ने पर समय से पहले भी पैसा निकाल सकते हैं। हालांकि मेच्योरिटी से पहले एफडी तोड़ने पर आपको ब्याज का नुकसान होता है, इस पर कुछ पेनल्टी भी देनी होती है। जो अलग अलग बैंकों में अलग अलग है।

देखिए क्या है FD पर टैक्स कटौती का नियम

FD पर 0 से 30 फीसदी तक टैक्स कटता है, यह निवेशक के इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर कटता है। अगर आप एक साल में 10,000 रुपये से अधिक कमाते हैं तो अपने ​एफ​डी पर आपको 10 फीसदी टैक्स देना होगा। इसके लिए ग्राहकों को अपने पैन कार्ड की कॉपी जमा करनी होती है, वरना इस पर 20 फीसदी टीडीएस कट किया जाता है। अगर निवेशक टैक्स कटौती से बचना चाहता है तो इसके लिए उन्हें अपने बैंक को फॉर्म 15A सबमिट करना चाहिए। यह उन लोगों के लिए लागू होता है जो किसी इनकम टैक्स स्लैब में नहीं आता है। टैक्स ​कटौती से बचने के लिए वरिष्ठ नागरिक फॉर्म 15H जमा करना चाहिए।