29 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे के पेश किए जाने के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। देश के आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि सरकार के रुख को देखते हुए लगता है कि इस बार का बजट ऐतिहासिक हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण क्रिप्टो करेंसी को वैधानिक शक्ल दे सकता है। बजट सत्र को दे सेशन में आयोजित हो रहा है। पहला हिस्सा 29 जनवरी से 15 फरवरी तक, जबकि दूसरे दौर में सत्र 8 मार्च से लेकर 8 अप्रैल तक चलेगा। सरकार ने 20 बिलों की एक सूची तैयार की है। जिसे बजट सेशन के दौरान पेश किया जाएगा।
बजट सत्र में पेश होने वाले बिल में ये शामिल हैं-
CCI संशोधन बिल
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (संशोधन) बिल
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NaBFID) बिल
क्रिप्टोक्यरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल करेंसी बिल
माइनिंग और मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन बिल
इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) बिल शामिल हैं
द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्यूलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021
द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021का मकसद RBI द्वारा जारी किए जाने वाले आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए कानूनी रुपरेखा बनाना है। इस बिल में भारत में सभी प्राइवेट की क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रावधान होगा। हालांकि, इसमें कुछ अपवादों के साथ क्रिप्टो करेंसी की टेक्नोलॉजी और इसके उपयोग को मंजूरी दिए जाने का प्रावधान है।
NaBFID बिल, 2021
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NaBFID) बिल 2021में इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग औऱ इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए तमाम तरह की वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एक नए डेवलपमेंट फाइनेंशिंयल इंस्ट्रीट्यूटशन (DFI) के गठन का प्रस्ताव है। इसी तरह माइनंस एंड मिनरल्स (Development and Regulation)संशोधन बिल 2021में 1957के एक्ट में बदलाव करके माइनिंग सेक्टर में मूलभूत सुधार करने का प्रावधान है जिससे की माइनिंग सेक्टर के ग्रोथ को बढ़ावा दिया जा सकें।
माइनंस एंड मिनरल्स (डेवपलमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन बिल, 2021
माइनंस एंड मिनरल्स (डेवपलमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन बिल 2021 में 1957 एक्ट में बदलवा कर खनन क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना है। इससे विकास में तेजी लाने और रोजगार उत्पन्न करने के लिए, विरासत के मुद्दों को हटाकर और अन्वेषण और खनन में अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को लाकर निजी निवेश को आकर्षित करके खनन क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने में मदद मिलेगी।