प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पलवल से सोहना-मानेसर-खरखौदा होते हुए सोनीपत तक हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना को अपनी मंजूरी दी है।
यह रेल लाइन पलवल से शुरू होगी और मौजूदा हरसाना कलां स्टेशन (दिल्ली-अंबाला खंड पर) पर समाप्त होगी। यह मौजूदा पातली स्टेशन (दिल्ली-रेवाड़ी लाइन पर), सुल्तानपुर स्टेशन (गढ़ी हरसरू-फारुख नगर लाइन पर) और असौध स्टेशन (दिल्ली-रोहतक लाइन पर) को रेलमार्ग कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
यह परियोजना हरियाणा रेल बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एचआरआईडीसी) द्वारा लागू की जाएगी, जो रेल मंत्रालय द्वारा हरियाणा सरकार के साथ मिलकर स्थापित की गई संयुक्त उद्यम कंपनी है। इस परियोजना में रेल मंत्रालय, हरियाणा सरकार और निजी हितधारकों की संयुक्त भागीदारी होगी। इस परियोजना की अनुमानित कार्य समापन लागत 5,617 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के पांच साल में पूरा होने की संभावना है।
हरियाणा के पलवल, नूह, गुरुग्राम, झज्जर और सोनीपत जिले इस रेल लाइन से लाभान्वित होंगे। यह रेल लाइन दिल्ली न आने वाले यातायात का डायवर्जन करेगी। इससे एनसीआर में भीड़ कम होगी। इससे एनसीआर के हरियाणा राज्य उप-क्षेत्र में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्द्रों के विकास में सहायता मिलेगी। यह इस क्षेत्र से डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर नेटवर्क तक सहज और उच्च गति की कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी। जिससे एनसीआर से भारत के बंदरगाहों को होने वाले आयात-निर्यात यातायात की परिवहन लागत और समय में कमी आएगी और माल का निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगा।
यह कुशल परिवहन कॉरिडोर अन्य पहलों के साथ ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को पूरा करने के लिए विनिर्माण इकाइयों को स्थापित करने के लिए बहु-राष्ट्रीय उद्योगों को आकर्षित करने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा। यह परियोजना हरियाणा राज्य के सुविधा से वंचित क्षेत्रों को जोड़ेगी, जिससे हरियाणा राज्य में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह बहु-उद्देशीय परिवहन परियोजना गुरुग्राम और मानेसर, सोहना, फारुख नगर, खरखौदा और सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्रों से विभिन्न दिशाओं में सस्ती, तेज नियमित यात्रा और लंबी दूरी की यात्रा भी उपलब्ध कराएगी।
इस लाइन के माध्यम से प्रत्येक दिन लगभग 20,000 यात्री यात्रा करेंगे और हर साल 50 मिलियन टन माल यातायात की भी आवाजाही होगी। दिल्ली से गुजरते हुए पलवल से सोनीपत तक का यह ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सतत विकास के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है। जो दिल्ली क्षेत्र में मौजूदा रेलवे नेटवर्क पर भीड़-भाड़ भी कम करेगा। इस परियोजना की दिल्ली से निकलने वाले और हरियाणा से गुजरने वाले सभी मौजूदा रेलवे मार्गों के साथ-साथ डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर नेटवर्क के साथ भी कनेक्टिविटी होगी।.