केंद्र सरकार ने देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया है। स्कीम का मकसद नए कर्मचारियों को फायदा और नियोक्ताओं और कर्मचारियों की एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड अकाउंट में योगदान में मदद करना है। इसमें कम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों का 24 फीसदी ईपीएफ सरकार जमा कराएगी। इस योजना के तहत भारत सरकार को एक अक्टूबर 2020 या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक लगे नए कर्मचारियों को दो साल तक सब्सिडी देनी थी, लेकिन अब योजना का लाभ 31 मार्च, 2022 तक उठाया जा सकेगा।
इन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
जिस कर्मचारी की सैलरी 15 हजार रुपये से कम है और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के साथ किसी रजिस्टर्ड संस्थान में 1 अक्टूबर 2021 से पहले काम नहीं कर रहा था और उसका 1 अक्टूबर 2020 से पहले यूनिवर्सल अकाउंट नंबर या ईपीएफ मेंबर अकाउंट नंबर नहीं था, उसे इस योजना की फायदा मिलेगा।
1,000 कर्मचारियों तक रखने वाले संस्थान में सरकार दोनों यानी 12 फीसदी कर्मचारियों और 12 फीसदी नियोक्ताओं का योगदान, कुल वेतन के 24 फीसदी का ईपीएफ (EPF) में भुगतान करेगी। यह नए कर्मचारियों के मामले में दो साल की अवधि के लिए होगा। एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थानों में, सरकार केवल ईपीएफ योगदान में कर्मचारियों के हिस्से का भुगतान करेगी, जो वेतन का 12 फीसदी होगा। यह भी नए कर्चमारियों के लिए दो साल की अवधि में फायदा मिलेगा।