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सीएम योगी का यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का इरादा

सीएम योगी का यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का इरादा

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की मंशा है। इसके लिए उठाए गये कई कदमों में से एक कदम निर्यात को बढ़ावा देना भी है। सरकार शीघ्र ही इसके लिए नयी निर्यात पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है।

नयी पॉलिसी में मौजूदा सालाना निर्यात को 1. 20 लाख करोड़ से बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार निर्यातकों को कई तरह की रियायतें देंगी। लक्ष्य के अनुसार निर्यात तेजी से बढ़े, इसके लिए सरकार सर्वाधिक संभावनाओं वाले सेक्टर्स पर फोकस करेगी।

देश की कुल आबादी के करीब 16 फीसद लोग उत्तर प्रदेश में रहते हैं। युवाओं की संख्या सर्वाधिक होने के नाते भरपूर मानव संपदा भी है। यहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम एमएसएमई इकाइयों की संख्या भी सर्वाधिक है। यूपी में 9 तरह की वैविध्यपूर्ण कृषि जलवायु, भरपूर पानी और इंडो-गैंगेटिक बेल्ट के रूप में दुनिया की सबसे उर्वर जमीन है।

<img class="wp-image-16279" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/10/वैविध्यपूर्ण-कृषि-300×180.jpg" alt="UP has 9 of the world's most fertile land in the form of a diversified agro-climate, plenty of water and an endo-gangetic belt." width="525" height="315" /> 9 तरह की वैविध्यपूर्ण कृषि जलवायु, भरपूर पानी और इंडो-गैंगेटिक बेल्ट के रूप में दुनिया की सबसे उर्वर जमीन यूपी में है।

खेतीबाड़ी की रेंज और हस्तशिल्प की संपन्न परंपरा की वजह से यूपी के खाद्य प्रसंस्करण सहित हस्तशिल्प के कई उत्पादों में ब्रांड के रूप में दुनिया में धमक जमाने की पूरी संभावना है। बावजूद इसके प्रदेश की देश के निर्यात में हिस्सेदारी सिर्फ 4.55 प्रतिशत ही है। संभावनाओं के अनुरूप निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार नई निर्यात पॉलिसी लाएगी।

इस पॉलिसी के तहत निर्यातकों को पोर्ट से पड़ोसी देश तक माल ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट पर सब्सिडी दी जाएगी। एमएसएमई की वे इकाइयां जो अपने उत्पाद का 50 फीसद हिस्सा निर्यात करती हैं उनकी इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ की जाएगी। निर्यातकों को एक ही छत के नीचे अपने उत्पाद के प्रोसेसिंग, पैकेजिंग आदि की सुविधाएं मिले इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट डेवलपमेंट स्कीम के तहत कॉमन फैसिलटी सेंटर (सीएफसी) का निर्माण कराया जाएगा।

इसके अलावा मार्केट डेवलपमेंट असिस्टेंट स्कीम के तहत बायर-सेलर मीट, उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए दुनिया में लगने वाले प्रमुख मेलों के लिए भी नयी नीति में सहूलियतें दी जाएंगी। निर्यातकों को निर्यात के लिए जरूरी यूरोपियन यूनियन और चीन के लिए क्रमश: कन्फर्म यूरोपियन सीई और चाइना कंपलसरी सर्टिफिकेट सीसीई दिलाने में भी सरकार वित्तीय मदद करेगी।

<img class="wp-image-16280" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/10/Industry-in-up-1024×682.jpg" alt="The electricity duty of MSME units exporting 50% of their product will be waived." width="473" height="315" /> अपने उत्पाद का 50 फीसद निर्यात करने वाली एमएसएमई इकाइयों की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ की जाएगी।

संबंधित जिले की संभावना के मद्देनजर हर जिले में एक्सपोर्ट डेवलपमेंट सेंटर के रूप में एक्स्पोर्ट हब बनाने की भी योजना है। इनके जरिये निर्यातकों को निर्यात संबंधी सभी सामान्य औपचारिकताओं को पूरा करने में मदद दी जाएगी। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन इसमें नॉलेज पार्टनर होगा। डिस्ट्रिक एक्सपोर्ट प्रमोशन कमेटी और डिस्ट्रिक एक्सपोर्ट काउंसिल में बेहतर समन्वय हो इसके लिए डीएम इनका चेयरमैन होगा।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि यहां पर हस्तशिल्प की संपन्न परंपरा है। जलवायु अच्छी होने के कारण खाद्य प्रसंस्करण की प्रबल संभावना है। इनसे संबधित कुछ उत्पाद तो अपने आप में बड़ी पहचान रखते हैं। सरकार इनको देश के अलावा दुनिया में ब्रांड बनाने की पॉलिसी ला रही है। जिसमें लोगों को अनेक सहूलियतें दी जाएंगी।.