हाल के सालों में कई बैंक बंद हो गए है। ऐसे में ग्राहकों का पैसा बैंक में फंस जाता है। अब अगर कोई बैंक बंद होता है या लाइसेंस रद्द होता है को इसका ग्राहको पर कोई असर नहीं पड़ेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने बुधवार को हुई बैठक में DICGC एक्ट में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इससे किसी बैंक के डूबने पर बीमा के तहत खाताधारकों को पैसा 90 दिन के भीतर मिल जाएगा।
इस बदलाव के बाद उन ग्राहकों को राहत मिलेगी, जिनकी रकम किसी न किसी वजह से बंद हो चुके या लाइसेंस रद किए जा चुके बैंकों में फंसी हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने आज इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (amendment) बिल,2021 को मंजूरी दी है। इस बिल को संसद के मॉनसून सत्र में रखा जाएगा।
आपको बता दें कि बीमा की रकम पहले एक लाख रुपए थी लेकिन सरकार ने साल 2020 में डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट 5 गुना बढ़ाने का फैसला किया था। इसके बाद अब बीमा की रकम देने की अवधि तय की गई है। मतलब ये हुआ कि 90 दिन में ही ग्राहकों को बीमा की रकम मिल जाएगी। अभी तक के प्रावधानों के मुताबिक पांच लाख रुपये की यह वापसी ग्राहकों को तब होती है, जब किसी बैंक का लाइसेंस कैंसिल हो जाता है और उसके लिक्विडेशन यानी एसेट आदि बेचने की प्रक्रिया शुरू होती है। लेकिन नए बिल के प्रावधानोंं के मुताबिक तीन महीने के भीतर पैसा वापस करना होगा और बाकी प्रक्रिया चलती रहेगी।