मोदी सरकार 2.0 का तीसरा आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया गया है। यह रिपोर्ट देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को दर्शाती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2021 को संसद में बजट पेश करेंगी। हर साल बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाता है। इस सर्वे की रिपोर्ट को सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के नेतृत्व में एक टीम द्वारा तैयार किया जाता है।
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman tabled Economic Survey 2020-21 in Lok Sabha; Real growth rate for FY21 is taken as -7.7% (MoSPI) and real growth rate for FY22 is assumed as 11.5 % based on IMF estimates. (Photo source: DD News) pic.twitter.com/Y4lPYyBCa2
— ANI (@ANI) January 29, 2021
कोरोना महामारी की सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ी
सर्वे में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी ने मार्च 2020 से देश में आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित किया है। लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। कृषि क्षेत्र से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं, जबकि संपर्क आधारित सेवाएं, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र को कोविड-19महामारी की सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ी है।
अर्थव्यवस्था में होगी 'वी-शेप' की रिकवरी
सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21में जीडीपी -7.7 फीसद होगी यानी इसमें 7.7 फीसदी की गिरावट आ सकती है। वहीं आगामी वर्ष देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था में 'वी-शेप' की रिकवरी होगी। वित्त वर्ष 2021-22में 11.5फीसद की वृद्धि का अनुमान है और 2022-23में 6.8फीसद की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर रहेगी। यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान के अनुरूप है। भारत को IMFके अनुसार अगले दो वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने की उम्मीद है।