मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा मंगलवार को व्यवसायी दीपक कोचर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में 11 दिनों के लिए भेजा। दीपक को सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। दीपक कोचर, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति हैं, जिन्हें वीडियोकॉन ऋण मामले में गिरफ्तार किया गया है।
<strong>उन्हें मंगलवार दोपहर को स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद अदालत ने उन्हें 19 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।</strong>
वीडियोकॉन के निदेशक वेणुगोपाल धूत, उनकी कंपनियों (वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड) के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर पिछले साल ईडी द्वारा धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला दर्ज किया गया था। इसके साथ ही ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की थी। उस कार्रवाई के लगभग एक साल बाद अब ईडी ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया है।
इस साल की शुरुआत में ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ, उनके पति और उनके द्वारा नियंत्रित/स्वामित्व वाली कंपनियों की 78.15 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की थी।
<strong>यह मामला वीडियोकॉन समूह को बैंक ऋण देने में कथित अनियमितताओं और मनी लांड्रिंग की जांच से जुड़ा है।</strong>
जांच के दौरान यह पता चला कि वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) और उसकी समूह की कंपनियों को मंजूर किए गए 1,730 करोड़ रुपये के ऋण को पुनर्वित्त और नया ऋण दिया गया था और ये ऋण 30 मार्च, 2017 को आईसीआईसीआई बैंक के लिए गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन गए।
जांच में पता चला कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को स्वीकृत किए गए 300 करोड़ रुपये के कर्ज में से 64 करोड़ रुपये आठ सितंबर, 2009 को दीपक कोचर के स्वामित्व वाली नूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड) में स्थानांतरित किए गए थे। वीडियोकॉन ने यह रकम कर्ज मंजूर होने के एक दिन बाद स्थानांतरित की थी। इसके बाद इस रकम से दीपक कोचर की कंपनी ने 10.65 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।.