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EPFO ने बदला ये नियम, 6 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ, नौकरी छूटने के बाद भी मिलेगी ये खास सुविधा

EPFO ने बदला ये नियम

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इंडिविजुअल मेंबर्स को नौकरी छोड़ने के बाद भी कोविड एडवांस सर्विस का फायदा उठाने की अनुमति दी है। ईपीएफओ के मुताबिक, अगर किसी की नौकरी छूट गई है और उसे अभी तक किसी अन्य कंपनी से जुड़ना है, तो पीएफ फंड का कुछ हिस्सा अभी भी कोविड एडवांस सुविधा के रूप में निकाला जा सकता है। एडवांस होने के कारण, कर्मचारी को प्रोविडेंट फंड (PF) खाते में पैसा वापस डालने की आवश्यकता नहीं है।

देश के 6 करोड़ कर्मचारियों के लिए जो ईपीएफओ (EPFO) के सदस्य हैं, उनके लिए बड़ी खबर आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक नियम बदल दिया है जिससे सभी को दिक्कतें आएंगी। दरअसल, ईपीएफओ (EPFO) ने अब सभी पीएफ खाता धारकों (PF Account Holders) के लिए यूएएन और आधार नंबर को लिंक करना जरूरी कर दिया है। इसके लिए ईपीएफओ ने सोशल सेक्योरिटी कोड 2020 के नियम 142 में बदलाव कर दिया है। इसको इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न (ECR) फाइलिंग प्रोटोकॉल के तहत किया गया है।

एडवांस पर लागू नहीं होता इनकम टैक्स

पीएफ बैलेंस में कर्मचारी योगदान और नियोक्ता का हिस्सा शामिल है, जिसमें उनके योगदान पर अर्जित ब्याज भी शामिल है। पीएफ एडवांस अप्लाई करने के लिए एक कर्मचारी को ईपीएफ इंडिया की वेबसाइट या अपने फोन से यूनिफाइड पोर्ट पर लॉग इन करना होगा। भले ही आपने चिकित्सा या किसी अन्य योग्य जरूरतों के लिए पहले पीएफ एडवांस प्राप्त किया हो तो भी आप इस एडवांस के लिए अप्लाई कर सकते हैं। साथ ही, ईपीएफओ ने कहा है कि ईपीएफ योजना के तहत प्राप्त किसी भी एडवांस पर इनकम टैक्स लागू नहीं होता है।

पूरा करना होगा केवाईसी

हालांकि, अगर केवाईसी अपडेट नहीं है तो अप्लाई करने के बाद भी एडवांस नहीं मिल सकते हैं। अगर आप पीएफ एडवांस ऑनलाइन अप्लाई कर रहे हैं तो यह तभी किया जा सकता है जब आपका UAN, आधार के साथ जुड़ा हो और बैंक खाते के केवाईसी और मोबाइल नंबर को यूएएन में जोड़ा गया हो। अगर ऐसा नहीं किया है, तो आपको मेंबर पोर्टल पर अपना केवाईसी जमा करके अपना केवाईसी पूरा करना होगा।

दावा करने के ​3 दिन के अंदर निपटान

EPFO ने इसके लिए ऐसे सभी सदस्यों के संबंध में एक प्रणाली संचालित ऑटो-क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया की तैनाती की है, जिनकी केवाईसी आवश्यकताएं सभी दृष्टि से पूर्ण हैं। दावों के निपटान के लिए ऑटो-मोड व्यवस्था बनाई गई है। पहले जहां ईपीएफओ को 20 दिनों के भीतर दावे निपटाने होते थे, अब महज 3 दिन में निपटान संभव हो जा रहा है।