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हिंदुस्तान का पहला बजट पेश करने वाला बन गया पाकिस्तान का प्रधानमंत्री

लियाकत अली खान। फाइल फोटो

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार 1 फरवरी को बजट 2021 को पेश करेंगी। सीतारमण देश की पहली महिला वित्त मंत्री हैं। निर्मला सीतारमण से पहले देश में कुल 27 वित्त मंत्रियों ने कार्यभार संभाला है, इनमें से 26 वित्त मंत्रियों ने संसद में आम बजट पेश किया है। अगर बजट पेश करने की बात करें तो इसमें सबसे आगे पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का नाम आता है। मोरारजी देसाई द्वारा रिकार्ड 10 बार बजट प्रस्तुत किया गया। लेकिन आपको एक ऐसे वित्त मंत्री के बारे में बताते हैं, जिसने भारत का पहला बजटा पेश किया और बाद में वो पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन गया।

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बजट अगले एक वर्ष के लिए सरकार की योजनाओं और उनके क्रियान्‍वयन का भी विस्‍तृत ब्‍यौरा होता है। बजट की इस पूरी प्रक्रिया में केंद्रीय वित्‍त मंत्री की प्रमुख भूमिका होती है। यही कारण है कि आजादी के बाद से अब तक विभिन्‍न सरकारों द्वारा पेश किए गए बजटों में वित्त मंत्री की आर्थिक समझ और देश की उन्‍नति के प्रति उनका नजरिया साफ झलकता दिखाई दिया है। आइए जानते हैं उन सभी 25 वित्त मंत्रियों के बारे में जिन्‍हें देश का आम बजट पेश करने का मौका मिला है। लियाकत अली खान देश के पहले वित्त मंत्री थे। 29 अक्टूबर 1946 से 14 अगस्त 1947 तक उन्होंने ये दायित्व संभाला। लियाकत अली खान पाकिस्तान के अलग होने के बाद वहां के प्रधानमंत्री भी बने।  
 
 
लियाकत अली के बाद आर के शंमुगम चेट्टी भारत के वित्त मंत्री रहे। 15अगस्त 1947 से 1949 तक चेट्टी इस पद पर रहे। जॉन मथाई (1949 से 1950 तक), सी डी देखमुख (1950 से 1957 तक), टी टी कृष्णमाचारी (1957 से 13 फरवरी 1958 तक), जवाहर लाल नेहरू (13 फरवरी 1958 से 13 मार्च 1958 तक), मोरारजी देसाई (13 मार्च 1958 से 29 अगस्त 1963 तक), टीटी कृष्णमाचारी ( 29 अगस्त 1963 से साल 1965 तक), सचिंद्रा चौधरी (1965 से 13 मार्च 1967 तक) वित्त मंत्री के पद पर रहे। 
 
सचिंद्रा चौधरी के बाद सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाने वाले मोरारजी देसाई वित्त मंत्री बने। मोरारजी देसाई 13मार्च 1967 से 16 जुलाई 1969 तक वित्त मंत्री रहे। इंदिरा गांधी 1970 से 1971 तक (प्रधानमंत्री रहते हुए वित्त मंत्री रहीं), यशवंतराव चव्हाण 1971 से 1975 तक, चिदंबरम सुब्रह्मण्यम 1975 से 1977 तक, हरिभाई एम पटेल 24 मार्च 1977 से 24 जनवरी 1979 तक वित्त मंत्री रहे। चौधरी चरण सिंह 24 जनवरी 1979 से 28जुलाई 1979 तक, हेमवती नंदन बहुगुणा 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक, आर वेंकटरमण 14 जनवरी 1980 से 15 जनवरी 1982 तक, प्रणब मुखर्जी 15 जनवरी 1982 से 31 दिसंबर 1984 तक, वी पी सिंह 31 दिसंबर 1984 से 24 जनवरी 1987 तक, राजीव गांधी 24 जनवरी 1987 से 25 जुलाई 1987 तक वित्त मंत्री रहे। 
 
राजीव गांधी के बाद  एन डी तिवारी 25 जुलाई 1987 से 25 जून 1988 तक, शंकरराव चव्हाण 25 जून 1988 से 2 दिसंबर 1989 तक, मधु दंडवते 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक, यशवंत सिन्हा 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक, मनमोहन सिंह 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक, जसवंत सिंह 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक, पी चिदंबरम 1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक, आई के गुजराल 21 अप्रैल 1997 से 1 मई 1997 तक, पी चिदंबरम 1 मई 1997 से 19 मार्च 1998 तक, यशवंत सिन्हा 19 मार्च 1998 से 1 जुलाई 2002 तक, जसवंत सिंह 1 जुलाई 2002 से 22 मई 2004 तक, पी चिदंबरम 22 मई 2004 से 30 नवंबर 2008 तक, मनमोहन सिंह 30 नवंबर 2008 से 24 जनवरी 2009 तक, प्रणब मुखर्जी 24 जनवरी 2009 से 26 जून 2012 तक, मनमोहन सिंह 26 जून 2012 से 31 जुलाई 2012 तक, पी चिदंबरम 31 जुलाई 2012 से 2014 तक, अरुण जेटली 26 मई 2014 से 2018 तक, पीयूष गोयल 2018 से 2019 तक वित्त मंत्री। 2019 के बाद से निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री का पद संभाल रही हैं।