ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज फॉक्सकॉन(Foxconn) ने बेंगलुरु हवाई अड्डे के पास 300 एकड़ ज़मीन ख़रीदी है। कंपनी ने मंगलवार को लंदन स्टॉक एक्सचेंज के साथ एक फ़ाइलिंग में यह जानकारी दी।ऐसा लगता है कि वह चीन से दूर उत्पादन में विविधता लाना चाहती है।
इसकी सहायक कंपनी फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया मेगा डेवलपमेंट बेंगलुरु के बाहरी इलाक़े में देवनहल्ली में स्थित विशाल भूमि के लिए 300 करोड़ रुपये (37 मिलियन डॉलर) का भुगतान कर रही है।
फ़ॉक्सकॉन दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफ़ैक्चरर और एप्पल आईफ़ोन की मुख्य असेंबलर है।
दोनों कंपनियां चीन से दूर जाने और वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला बनाने की तलाश कर रही हैं, क्योंकि दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य ताक़त के कारण कम्युनिस्ट दिग्गज अलग-थलग पड़ गये हैं और दुनिया भर में जीवन और आजीविका को नष्ट करने वाली कोविद-19 महामारी के प्रसार में संदिग्ध भूमिका निभा रहे हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने मार्च में कहा था कि ऐप्पल राज्य में एक नए संयंत्र में “जल्द ही” आईफ़ोन का निर्माण करेगा, जिससे “लगभग 100,000 नौकरियां” पैदा होंगी।
ब्लूमबर्ग न्यूज़ ने उस महीने बताया कि फॉक्सकॉन उसी महीने कर्नाटक में एक नए कारखाने में $700 मिलियन का निवेश करने की योजना बना रहा है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि फ़ॉक्सकॉन के अध्यक्ष यंग लियू ने “साझेदारी को गहरा करने के लिए … और सेमीकंडक्टर विकास और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग की तलाश करने के लिए” राज्य का दौरा किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाक़ात की, जिन्होंने कहा कि दोनों की “चर्चा में भारत की तकनीक और नवाचार इको-सिस्टम को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों को शामिल किया गया”।
फ़ॉक्सकॉन 2019 से भारत में अपने तमिलनाडु स्थित प्लांट में Apple स्मार्टफ़ोन का निर्माण कर रही है।
दो अन्य ताइवानी आपूर्तिकर्ता, Wistron और Pegatron भी भारत में Apple उपकरणों का निर्माण और संयोजन करते हैं।
एपल भारत में ख़ुद को आगे बढ़ा रहा है और मुख्य कार्यकारी टिम कुक ने ख़ुद ही पिछले महीने मुंबई और दिल्ली में अपने पहले दो खुदरा स्टोरों का दौरा किया था।
Apple ने कहा कि पिछले सितंबर में वह फ़्लैगशिप मॉडल लॉन्च करने के कुछ ही हफ़्तों बाद भारत में अपने नवीनतम iPhone 14 का निर्माण करेगा। भारत का इस मसय Apple के iPhone उत्पादन का सात प्रतिशत हिस्सा है। यूएस टेक दिग्गज तेज़ी से बढ़ते भारतीय बाज़ार में अपना विस्तार करने का इच्छुक है।
अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियां भारत में अपना आधार स्थापित इसलिए कर रही हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोदी ने अपनी “मेक इन इंडिया” रणनीति को एक बड़ा प्रोत्साहन दिया है। इस योजना के तहत शुरू की गयी उत्पादकता से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं के लिए प्रमुख आकर्षण साबित हो रही है।