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गडकरी ने जमीनी मुद्दों के क्षेत्र और उद्योगवार अध्ययन को समय की जरूरत बताया   

केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जमीनी स्तर के मुद्दों के क्षेत्रवार और उद्योगवार अध्ययन पर बल देने को जरूरी बताया है। जिससे उनकी सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए नई नीतियों को तैयार किया जा सके।

उन्होंने यह बात एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। एमएसएमई सदस्य निकायों और फिक्की के सेक्ट्रॉल संघों के साथ बातचीत करते हुए गडकरी ने कहा कि प्लास्टिक, परिधान, चमड़ा, फॉर्मास्युटिकल जैसे सभी क्षेत्रों और इनसे जुड़े उद्योगों की विशिष्ट समस्याएं हैं।

उन्होंने फिक्की और अन्य उद्योग संघों से विभिन्न विचारकों के माध्यम से मुख्य क्षेत्रों की जमीनी स्तर की समस्याओं का अध्ययन करने और उनकी सिफारिशों को प्रस्तुत करने का अनुरोध किया। जिससे विभिन्न समस्याओं का समाधान करने के लिए नीतिगत निर्णय लिए जा सकें। उन्होंने उद्योग निकायों से आत्मनिर्भर भारत अभियान पहल के साथ स्वयं को सम्बद्ध करने की अपील की, ताकि आयात बिल को कम किया जा सके और देश में विनिर्माण गतिविधियों और उत्पादन को बढ़ाकर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर जुटाए जा सकें।

गडकरी ने कहा कि हम पूरे देश विशेष रूप से ग्रामीण, जनजातीय और कृषि क्षेत्रों में औद्योगिक समूह विकसित करने का प्रयत्न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक सामाजिक, सूक्ष्म वित्त संस्थान के लिए नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिससे बहुत छोटे उद्यमियों, व्यवसायों और दुकानदारों को दस लाख रुपये तक का वित्त उपलब्ध होगा।

गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि सामाजिक दूरी एक नया मानदंड है। इसलिए स्वचालन और डिजिटलीकरण को एमएसएमई में बड़े पैमाने पर अपनाया किया जाना चाहिए। उद्योग संघ के प्रतिनिधियों ने अन्य सुझावों के साथ-साथ शीर्ष 50,000 एमएसएमई की एक ऑनलाइन डिजिटल निर्देशिका बनाने का सुझाव दिया। उद्योग संघों ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्य के साथ पूर्ण सहयोग करने का भी आश्वासन दिया।.