जब भी घर या कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं या बेचते हैं तो इस दौरान काफी चैकन्ना रहना होता है, क्योंकि फ्रॉड के कई मामले सामने आ चुके हैं। अब तक कई सोसायटी ऐसी हैं जिन्होंने लोगों से पैसा तो कई सालों पहले ही ले लिया लेकिन घर बनाकर अब तक नहीं दिया। ऐसे में घर खरिदते वक्त ऐसा डर अक्सर बना रहता है, लेकिन अब आप निश्चिंत होकर घर खरीद और बेच सकते हैं। क्योंकि, रियल एस्टेट पोर्टल housing.com और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस (ISB) ने हाउसिंग प्राइसिंग इंडेक्स Housing Pricing Index (HPI) लॉन्च कर दिया है जिसके तहत अब लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने में आसानी होगी।
हाउसिंग प्राइसिंग इंडेक्स को 31 मई को लॉन्च किया गया है। यह इंजेक्स देश भर के आठ प्रमुख शबरों में आवासीय संपत्तियों की कीमतों को ट्रैक करेगा जिससे सभी स्टेकहोल्डर्स को रीयल-टाइम डेटा मिलेगा। रीयल एस्टेट पोर्टल और बिजनस स्कूल की साझेदारी में बनाए गए हाउसिंग प्राइसिंग इंडेक्स को एक वर्चुअल इवेंट के जरिए हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्रा ने लांच किया। यह इंडेक्स न सिर्फ घर खरीदारों के लिए बल्कि पॉलिसीमेकर्स के लिए भी भविष्य को लेकर योजनाएं बनाने में मददगार साबित होंगी।
दुर्गा शंकर मिश्रा की माने तो सोसायटी के लिए इस इंडेक्स की बहुत जरूरत थी और यह देश के निर्माण में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने भी अपना हाउसिंग प्राइस इंडेक्स लांच किया है। इस इंडेक्स के तहत अहमदाबाद, बंगलूरु, चेन्नई, दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे को कवर किया जाएगा।
घर खरीदारों-पॉलिसीमेकर्स को होगा फायदा
इस इंडेक्स को आईएसबी के श्रीनी राजू सेंटर फॉर आईटी एंड द नेटवर्क्ड इकोनॉमी (SRINI) के सहयोग से तैयार किया गया है और यह रीयल एस्टेट सेक्टर में इकोनॉमिक एक्टिविटी का इंडिकेटर होगा। इसपर खरीदारों को हर महीने घर की कीमतों और बिक्री से जुड़े आंकड़ों की जानकारी मिलेगी। साथ ही प्रॉपर्टी को सही समय पर खरीदने में आसानी होगी और प्रॉपर्टी बेचने वालों को भी सही समय की जानकारी मिल सकेगी कि किस वक्त बेचने पर उसके फायदा होगा। इसके अलावा पॉलिसीमेकर्स और फाइनेंसियल एनालिस्ट्स रीयल एस्टेट सेक्टर में रूझानों को लेकर इसे भरोसमंद अनुमानों के रूप में प्रयोग कर सकेंगे।
HPI से बढ़ेगी पारदर्शिता
हाउसिंगडॉटकॉम, मकानडॉटकॉम और प्रोपाटाइगरडॉटतॉकॉम के ग्रुप CEO ध्रुव अग्रवाल की माने तो, इस बॉयर्स और पॉलिसीमेकर्स किसी क्वालिटी हाई-फ्रीक्वेंसी डेटा की अनुपस्थिति में भारतीय शहरों में संपत्तियों के उतार-चढ़ाव को लेकर अनुमानित आंकड़ों के आधार पर फैसले लेते हैं लेकिन अब हाउसिंग प्राइसिंग इंडेक्स से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
आईएसबी के डीन राजेंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक एचपीआई से सभी स्टेकहोल्डर्स को अपने फैसले के लिए जरूरी जानकारियां मिल सकेंगी। नेशनल रीयल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के प्रमुख निरंजन हीरानंदानी के मुताबिक इस इंडेक्स को लांच करने का प्रमुख उद्देश्य पारदर्शिता और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के बीच भरोसे को बढ़ाना है। पिछले कुछ वर्षों से भरोसे में कमी और लिक्विडिटी की समस्या के चलते हाउसिंग सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है।