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नेपाल में सोयाबीन की पैदावार ‘जीरो’ लेकिन एक्सपोर्ट में ‘हीरो’, सवाल उठे तो दी ये सफाई

बगैर उत्पादन किये नेपाल कैसे कर रहा है बड़े पैमाने पर निर्यात

 

नेपाल में सोयाबीन के उत्पादन लगभग निल है। कहने का मतलब यह कि घरेलू जरूरत पूरी करने का भी सोयाबीन नेपाल में पैदा नहीं होता। लेकिन नेपाल भारत समेत दुनिया के कई देशों में सोयाबीन के तेल का एक्सपोर्ट करता है। भारत में भी नेपाल से  सोयााबीन के तेल का आयात होता है। भारत नेपाल को साफटा के तहत कई छूट भी देता है। जिसका नतीजा यह है कि भारत में बनने वाले सोयाबीन की कीमत नेपाल से आने वाले सोयाबीन की कीमत से काफी कम है। चूंकि सोयाबीन तैल का उत्पादन किसी तीसरे देश में हो रहा है, इसलिए उसकी गुणवत्ता शक के दायरे में आ जाती है। इसलिए भारत ने नेपाल ने सोयबीन तेल की गुणवत्ता सर्टिफिकेट की अथॉन्टिसिटी देने को कहा है। भारत ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि कोई तीसरा देश नेपाल को मोहरा बनाकर फायदा तो नहीं उठा रहा है।

नेपाल सोयाबीन तेल में अरबों का निर्यात करता है। भारत ने ये सवाल नेपाल से इसलिए भी पूछा है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संधि के मुताबिक किसी भी देश को एक सीमित दायरे तक किसी प्रॉडक्ट को निर्यात करने की अनुमति होती है। इसके अलावा उसकी गुणवत्ता और प्रमाणिकता पर भी निर्यात करने वाले देश की ही जिम्मेदारी होती है।

पिछले एक साल में नेपाल दुनिया के बड़े सोयाबीन तेल के निर्यातक के रूप में उभरा है। और ये तब हो रहा है जब भारत ने पाम ऑय़ल के आयात पर पाबंदी लगाई है। जिसका फायदा कुछ देश उठा रहे हैं।

नेपाल के कस्टम विभाग के मुताबिक, नेपाल लगभग 23.12 अरब रुपये का तेल का निर्यात 2020-21 के पहले 8 महीनों में ही कर चुका है। जिसमे हर साल लगातार इजाफा हो रहा है जो अब तक लगभग 151,708 टन तक जा पहुंचा है। और अगर बीते साल की बात करें तो ये निर्यात लगभग 7.52 अरब रुपये का था। साल 2020-21 में नेपाल ने कच्चे सोयाबीन तेल के आयात पर लगभग 24.04 अरब रुपये खर्च किये हैं और तेल अर्जेंटीना, ब्राजील, पैराग्वे, मिस्र, तुर्की और यूक्रेन से मंगवाया है।