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Maritime India Summit 2021: पीएम मोदी ने कहा, 2030 तक भारत में शुरू होंगे 23 जलमार्ग

पीएम मोदी ने कहा, भारत 2030 तक 23 जलमार्ग शुरू करेगा। फाइल फोटो

दुनिया को भारत आने और देश के विकास का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को घोषणा की है कि भारत का लक्ष्य 2030 तक 23 जलमार्गो (23 Waterways by 2030) का संचालन करना है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत समुद्री क्षेत्र में बढ़ने और दुनिया की अग्रणी ब्लू इकॉनमी (Blue Economy) के रूप में उभरने के बारे में बहुत गंभीर है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'मैरीटाइम इंडिया समिट 2021' (Maritime India Summit 2021) के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के उन्नयन के फोकस क्षेत्रों के माध्यम से, समुद्री क्षेत्र में यात्रा सुधार को बढ़ावा देकर, भारत का उद्देश्य 'आत्माननिर्भर भारत' के विजन को मजबूत करना है।

मोदी ने कहा कि "हमारी सरकार एक ऐसी सरकार है जो जलमार्ग में इस तरह से निवेश कर रही है जो पहले कभी नहीं देखा गया।"उन्होंने कहा, "घरेलू जलमार्ग माल ढुलाई के लिए प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल तरीके हैं। हम 2030तक 23जलमार्गों का संचालन करना चाहते हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता 2014 के 87 करोड़ टन के मुकाबले बढ़कर अब 155 करोड़ टन हो गई है। भारतीय बंदरगाहों में अब आसान डेटा फ्लो के लिए सीधे पोर्ट डिलीवरी, सीधे बंदरगाह पर प्रवेश और एक अपग्रेडेड पोर्ट कम्युनिटी सिस्टम (पीसीएस) है। हमारे बंदरगाहों ने इनबाउंड और आउटबाउंड कार्गो के लिए प्रतीक्षा समय कम कर दिया है।

मोदी ने यह भी बताया कि गुजरात के कांडला में वधावन, पारादीप और दीनदयाल बंदरगाह पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ मेगा पोर्ट विकसित किए जा रहे हैं।उन्होंने आगे बताया कि भारत के विशाल तट रेखा पर 189लाइटहाउस हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने 78लाइटहाउस से सटे भूमि में पर्यटन के विकास के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य मौजूदा लाइटहाउस और इसके आसपास के क्षेत्रों को अद्वितीय समुद्री पर्यटन स्थलों में विकसित करना है।"

प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि कोच्चि, मुंबई, गुजरात और गोवा जैसे प्रमुख राज्यों और शहरों में शहरी जल परिवहन प्रणालियों को शुरू करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में जहाजरानी मंत्रालय को बंदरगाहों, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के रूप में बदलकर समुद्री क्षेत्र का विस्तार किया है ताकि काम समग्र तरीके से हो।

उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू शिप बिल्डिंग और शिप रिपेयर मार्केट पर भी ध्यान दे रही है। घरेलू शिपबिल्डिंग को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय शिपयार्ड के लिए शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस पॉलिसी को मंजूरी दी गई है।

मोदी ने बताया कि पोर्ट शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय ने 400 निवेश योग्य परियोजनाओं की एक सूची बनाई है। इन परियोजनाओं में 31 अरब या 2.25 लाख करोड़ रुपये की निवेश क्षमता है।

उन्होंने मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के बारे में बात करते हुए कहा कि यह सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित करता है।

बिम्सटेक और आईओआर देशों के साथ व्यापार और आर्थिक संबंधों पर भारत के फोकस के साथ, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की योजना 2026तक बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने और आपसी समझौतों को सुविधाजनक बनाने की है।

उन्होंने कहा कि सरकार पूरे देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों पर सौर और पवन-आधारित बिजली प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया में है और इसका लक्ष्य 2030 तक कुल ऊर्जा का 60 प्रतिशत से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग भारतीय बंदरगाहों पर तीन चरणों में बढ़ाना है।

मोदी ने वैश्विक निवेशकों से कहा, कि भारत की लंबी तटरेखा आपका इंतजार कर रही है। भारत के मेहनती लोग आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमारे बंदरगाहों में निवेश करें। हमारे लोगों में निवेश करें। भारत को व्यापार एवं वाणिज्य के लिए अपना पसंदीदा व्यापार स्थल बनने दें।