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जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को पीपीपी योजना के तहत पट्टे पर दिए जाने को मंजूरी 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना के तहत पट्टे पर दिए जाने को मंजूरी दे दी है।

मंत्रिमंडल ने परिचालन, प्रबंधन और विकास के लिए इन तीनों हवाई अड्डों को 50 वर्ष के लिए अदानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को दिए जाने की स्वीकृति दी है। एएआई की ओर से इसके लिए लगाई गई वैश्विक स्तर की बोली प्रतिस्पर्धा में अदानी इंटरप्राइजेज सबसे सफल बोलीकर्ता रही थी।

इन परियोजनाओं से सार्वजनिक क्षेत्र में आवश्यक निवेश जुटाने के अलावा सेवा आपूर्ति, विशेषज्ञता, उद्यम और व्यावसायिक कौशल में दक्षता आएगी। सरकार ने एएआई के दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों को सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत परिचालन, प्रबंधन और विकास के लिए करीब एक दशक पहले ही पट्टे पर दे दिया था।

इस सार्वजनिक और निजी भागीदारी के प्रयोग ने विश्व स्तर के हवाईअड्डे विकसित करने के साथ ही इन हवाई अड्डों पर विमान यात्रियों के लिए गुणवत्ता युक्त विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने में मदद की। इसने एएआई को देश के अन्य हिस्सों में हवाई अड्डों का विकास करने और हवाई यातायात अवसंरचना विकसित करने के साथ ही अपनी आय बढ़ाने में भी मदद की है।

इसने एएआई को सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए अर्जित आय से दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहरों में अपने हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीएय स्तर का बनाने में भी मदद की है। सार्वजनिक निजी भागीदारी से विकसित देश के हवाई अड्डों ने हवाई अड्डा सेवा गुणवत्ता (एएसक्यू) के रूप में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा परिषद (एसीआई) द्वारा अपनी संबंधित श्रेणियों में शीर्ष पांच हवाई अड्डों में स्थान हासिल किया है।

सरकार ने इसे देखते हुए ही सार्वजनिक निजी भागीदारी आकलन समिति (पीपीपीएसी)  के सुझावों के आधार पर एएआई के कुछ और हवाई अड्डों के परिचालन, प्रबंधन और विकास का काम भी सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के तहत देने का फैसला किया है। सरकार ने पीपीपीएसी के कार्य क्षेत्र से बाहर किसी तरह के मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए सचिवों के एक उच्चाधिकार प्राप्त समूह का गठन किया है।

पीपीपीएसी ने हस्तांतरण प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेजों को मंजूरी दे दी है। समूची बोली प्रक्रिया का संचालन उच्चाधिकार प्राप्त सचिवों के समूह द्वारा किया गया जिसमें नीति आयोग, व्यय और आर्थिक मामलों के मंत्रालय तथा वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल थे।

भारतीय विमान पत्तान प्राधिकरण ने हवाई अड्ड़ों को पट्टे पर दिए जाने के लिए वैश्विक बोली प्रतिस्पर्धा के तहत प्रस्ताव 14 दिसंबर 2018 को आमंत्रित किए थे। जिसमें बोली मानक प्रति यात्री विमान किराया के हिसाब से निर्धारित की गई थी। तकनीकी बोली की प्रक्रिया 16 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी। इसके बाद सक्षम पाए गए बोली कर्ताओं के लिए वित्तीय बोली की प्रक्रिया 25 फरवरी 2019/ 26 फरवरी 2019 को खोली गई।.