देश में कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन की भारी किल्लत हुई है। ऐसे में ऑक्सीजन की डिलीवरी बढ़ाने के लिए लिंडे ग्रुप और टाटा ग्रुप एक साथ समाने आए हैं। लिंडे ग्रुप ने टाटा ग्रुप के साथ मिलकर भारत सरकार के साथ मिलकर विदेशों से 24 क्रॉयोजेनिक कंटेनर का आयात किया है।
दरअसल, जर्मन कंपनी लिंडे ग्रुप की भारतीय इकाई ने अपने एक बयान मे कहा है कि उसने और टाटा ग्रुप ने भारत सरकार के साथ मिलकर विदेशों से 24 क्रॉयोजेनिक कंटेनर का आयात किया है। इन कंटेनर के जरिए देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। ये कंटेनर हवाई रास्ते से देश के पूर्वी तट पर पहुंच चुके हैं। अब यहां से लिंडे इसे अपनी लिक्विड ऑक्सीजन मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी भेजेगी। इस फैसिलिटी में इन क्रॉयोजेनिक आईएसओ कंटेनर्स का कंडीशंड किया जाएगा और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन यूजेज के लिए सर्टिफाई किया जाएगा।
प्रत्येक कंटेनर्स की क्षमता 20 टन लिक्विड ऑक्सीजन ढोने की है। लिंडे इन कंटेनर में कई मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटीज से ऑक्सीजन लेकर इन अस्पतालों तक पहुंचाएगी, जहां इसकी जरूरत है। इसके अलावा ये कंटेनर्स दूर-दराज के इलाकों में अंतरिम ऑक्सीजन स्टोरेज के रूप में मददगार साबित होंगे, जहां ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है।
इसके साथ ही लिंडे ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की जल्द से जल्द आपूर्ति को लेकर वह सभी संभव उपाय कर रही है। इसले किए भारत सरकार के सहयोग से दिल्ली से क्रॉयोजेनिक रोड टैंकर्स को एयरलिफ्ट किया गया और फिर दुर्गापुर स्थित लिंडे के ऑक्सीजन प्लांट से मेडिकल ऑक्सीजन दिल्ली लाया गया। इसके अलावा ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए कलमबोली (महाराष्ट्रा) से खाली टैंकर्स मंगाकर विजाग भेजा गया है। जहां में इसमें ऑक्सीजन भरकर महाराष्ट्र वापस भेजा जाएगा।