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सरकार बेचने जा रही है एक और बैंक, क्या आपका है इसमें खाता, क्या होगा आप असर, पढ़ें यहां पूरी जानकारी

IDBI Bank Transfer Management Control

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने IDBI बैंक लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश और मैनेजमेंट में ट्रांफसर को मंजूरी दे दी है। ये मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब करीब 5 साल बाद बैंक को मुनाफा हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने भी अपने बजट भाषण में इस बैंक का जिक्र किया था। उन्होंने इसे बेचने की बात कही थी।

कैबिनेट में लिया गया फैसला

सीसीईए की बैठक में आज IDBI बैंक में रणनीतिक तौर पर हिस्सेदारी बेचने और मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर करने को मंजूरी दे दी है। मौजूदा समय में सरकार की 45.48 फीसदी और LIC की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है।

बैंक के हिस्सेदारी को कम करने की LIC बोर्ड पहले ही मंजूरी दे चुका है। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त-वर्ष 2021-22 में IDBI Bank में हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद 10 मार्च को रिजर्व बैंक ने IDBI को प्रॉम्पट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया है।

ग्राहकों और कर्मचारियों क्या पड़ेगा असर

विशेषज्ञों की माने तो कर्मचारियों और ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। कहा जा रहा है कि कर्मचारियों की नौकरी पहले की ही तरह चलती रहेगी। ऐसे ही ग्राहकों को भी सभी सुनिधाएं पहले की तरह मिलती रहेंगे।

5 साल बाद बैंक को हुआ मुनाफा

पांच साल बाद आईडीबीआई मुनाफे में आया है। 31 मार्च 2021 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में बैंक ने 1,359 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाया था। इसके एक साल पहले वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक को 12,887 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

बताते चले कि IDBI बैंक को संकट से उबारने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगल (LIC) और सरकार ने इक्विटी पूंजी के रूप में 9,300 करोड़ रुपए का निवेश किया। आईडीबीआई बैंक में सरकार की करीब 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है और एलआईसी द्वारा इसका अधिग्रहण किए जाने के बाद इसे निजी बैंक के रूप में वर्गीकृत किया गया है।