केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट (Budget 2021-22) सैलेरीड क्लास (Salaried Class) को निराश कर गया। इस बजट में न तो कोई अतिरिक्त टैक्स छूट (Income Tax Rebate) की घोषणा की गई और न ही टैक्स स्लैब (ax Slab) में कोई सुधार किया गया। इस बजट में सिर्फ वैसे वरिष्ठ नागरिकों (Senior citizen) के लिए एक राहत की घोषणा हुई, जो कि 75 साल से ज्यादा उम्र के होंगे। इनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने से छूट मिली।
आयकर छूट मिलने की उम्मीद थी
बजट में इस बार आयकर दाताओं को कर में छूट मिलने की ज्यादा उम्मीद थी। इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे टर्म के लिए जुलाई में पेश किए गए पहले बजट में वित्त मंत्री ने पांच लाख तक की आय वालों को कर में छूट दी थी, लेकिन टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया था। ऐसे में अब लोगों को उम्मीद जागी थी कि वित्त मंत्री इस बार टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती हैं। इससे कर दाताओं को ज्यादा वेतन घर ले जाने को मिलेगा, जिससे उनका खर्च का दायरा बढ़ेगा। विदेशी ब्रेंड के मोबाइल फोन पर टैक्स ड्यूटीज बढ़ाए जाने का फैसला लोकल प्रोडक्ट्स के प्रोत्साहन के लिए किया गया है लेकिन इससे नए और विदेशी मोबाइल के शौकीन नौजवान पीढ़ी को थोड़ी सी मायूसी हुई होगी।
मध्यम वर्ग को थी सबसे ज्यादा उम्मीद
मध्यम वर्ग कहें या सैलेरीड क्लास,इनकी आय कम होती है, लेकिन टैक्स का बोझ ज्यादा होता है। अभी आम आदमी सबसे ज्यादा आयकर का भुगतान करता है। अभी 2.5 लाख से पांच लाख रुपये की आय पर पांच फीसदी टैक्स देना होता है। वहीं पांच से 10 लाख रुपये पर सीधे 20 फीसदी टैक्स दर लागू है। इससे करदाताओं पर सीधा असर पड़ता है। पांच से 10 लाख रुपये के लिए स्लैब को 20 फीसदी से घटाकर के 10 फीसदी करने की मांग भी वित्त मंत्री से करदाता कर रहे थे।