लद्दाख के एलएसी पर भारत और चीन के बीच महीनों से चल रही तानातनी कम हो गई है। चीन की सेना पैंगोंग लेक से पीछे हट गए हैं। चीनी सैनिक अपने टेंट-तंबू भी वहां से समेट कर लौट रही है। इस बीच आज चीन ने पहली बार माना कि पिछले साल गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प में हमारे सैनिक मारे गए हैं। इसके पहले चीन ने हमेशा इस बात से इंकार किया कि इस संघर्ष में उसके सैनिक मारे गए हैं।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अब यह मान लिया है कि भारत की फौज ने चीन के सैनिकों को काफी नुकसान पहुंचाया था। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के अखबार के हवाले से बताया है कि गलवान में चीन के सैनिक मारे गए। वहीं, चीन ने क्षेत्र में तनाव पैदा का जिम्मेदार भारत को ठहराया है। आपको बता दें कि मई की शुरुआत से ही चीन की सेना LAC की ओर बढ़ रही थी। इसके बाद भारतीय जवान सतर्क हो गए। हालांकि, चीन की इस आक्रामक चाल के चलते दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया। अंततः 15 जून की मध्य रात्रि को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ।
गलवान में हुए झड़प में भारत के कई सैनिक हताहत हुए थे। दूसरी ओर, चीन के सैनिक भी बड़ी संख्या में हताहत हुए, लेकिन इसने ये बात दुनिया से छिपाई रखी। चीन ने अब जा कर माना है कि खूनी झड़प में चार चीनी सैनिक मारे गए थे।