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अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी के पास है रोडमैप, दिसंबर को बताया अहम

अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी के पास है रोडमैप, दिसंबर को बताया अहम

<p id="content">पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा, वह आर्थिक स्थितियां तेजी से सुधरी हैं। उनका कहना है कि दिसंबर आते-आते स्थिति बहुत बदली नजर आ रही है। हमारे पास चुनौतियों को लेकर जवाब और रोडमैप दोनों हैं। पीएम <a href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF_%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF_%E0%A4%8F%E0%A4%B5%E0%A4%82_%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97_%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%98_(%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%80)" target="_blank" rel="noopener noreferrer">फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की)</a> की 93वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित कर रहे थे।</p>
उन्होंने कहा कि 2020 के इस साल में देश उतार-चढ़ाव से गुजरा है। लेकिन सबसे अच्छी बात रही है कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े, उतनी ही तेजी से हालात सुधर भी रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/chinese-debt-trap-entangled-over-maldives-economy-12803.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">आर्थिक संकेतक हौसला और उत्साह बढ़ाने वाले हैं।</a>

पीएम मोदी ने कहा, फरवरी-मार्च से जब हालात शुरू हुए थे, तब हम अज्ञात दुश्मन से लड़ रहे थे। सवाल यही था कि कब तक ऐसा चलेगा? कैसे सब ठीक होगा? इन्हीं सवालों, चुनौतियों, चिंताओं से दुनिया का हर मानव फंसा पड़ा था। लेकिन आज दिसंबर आते-आते स्थिति बहुत बदली नजर आ रही है। हमारे पास जवाब भी है और रोडमैप भी है।

उन्होंने कहा, आज जो आर्थिक संकेतक हैं, वो उत्साह बढ़ाने वाले हैं। हौसला बढ़ाने वाले हैं। संकट के समय जो देश ने सीखा है, उसने भविष्य के संकल्पों को और ²ढ़ किया है। इसका बहुत ज्यादा श्रेय एंटरप्रेन्योर्स, किसानों, उद्यमियों और देशवासियों को जाता है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में विदेशी निवेशकों ने रिकार्ड इनवेस्टमेंट किया है। आज देश का प्रत्येक नागरिक आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। लोकल के लिए वोकल होकर काम कर रहा है। देश को अपने प्राइवेट सेक्टर के सामथ्र्य पर इतना विकास है। भारत का प्राइवेट सेक्टर न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर सकता है, ग्लोबली भी अपनी पहचान और मजबूती से स्थापित कर सकता है।.