<p id="content">केंद्र सरकार की ओर से 2021-22 का बजट पेश करने में भले दो महीने का समय शेष है। लेकिन समय पर बजट को पेश करने के लिए तैयारियां अभी से शुरू हो गईं हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को शीर्ष उद्योगपतियों के साथ बजट-पूर्व परामर्श किया। बैठक इस लिहाज से अहम रही कि यह उद्योग जगत और सरकार के लिए सुधार के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करने का एक सुअवसर बनी। बैठक में आए सुझाव महामारी की वजह से प्रभावित अर्थव्यवस्था में मजबूती लाकर विकास के मार्ग को प्रशस्त करेंगे।</p>
उद्योग के विचार वित्तीय वर्ष 2021 के लिए सरकारी बजट तैयार करने में महत्वपूर्ण इनपुट के तौर पर होंगे। सूत्रों ने बताया कि कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक सहित बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ आदि बड़े उद्योगपतियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित बैठक में भाग लिया। वित्तमंत्री के साथ, वित्त सचिव ए.बी. पांडे, सचिव, डीईए, तरुण बजाज, मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यन आदि वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
आपको बता दें कि बजट को तैयार करना कोई दो-चार का दिन का काम नही हैं। महीनों पहले बजट बनाने वाले कर्मचारी और अधिकारी बिना किसी से मिले और सूचनाओं का आदान-प्रदान किए एक जगह रहते हैं। और सरकार के निर्देशानुसार, बजट बनाने में लग जाते हैं। जब तक बजट को पेश नहीं कर दिया जाता। इसकी एक-एक सूचना बेहद महत्वपूर्ण होती है। इसकी गोपनियता का ख्याल शुरू से रखा जाता है।
<h3>बजट एक जटिल प्रक्रिया</h3>
बजट बनाने से पहले केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकारों की जरूरतों का ख्याल, देश और समाज के विभिन्न समूहों से विचार-विमर्श किया जाता है। साथ ही मीडिया में तमाम सूचनाओं को इनपुट के तौर पर लिया जाता है और सरकार अपनी नीतियों के हिसाब से बजट के लिए खाका खिचती है। इस प्रकार कई महीनों में बेहद बारिकी से बजट तैयार किया जाता है।.