भारतीय रिजर्व बैंक ने डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को को-ऑपरेटिव बैंक्स (DCCB) का स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स (STCB) में विलय को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। बैंक ने कहा है कि जिन DCCB का STCB में विलय को लेकर राज्य सरकार का प्रस्ताव आएगा, उनपर आरबीआई विचार करेगा। स्टेट को-ऑपरेटिव बैंकों और जिला केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंकों को केंद्रीय बैंक आरबीआई के दायरे में लाने के लिए केंद्र सरकार ने नया एक्ट लाया था, यह बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) एक्ट 2020, 1 अप्रैल से लागू हो गया है। ऐसे में बैंकों के मर्जर के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की स्वीकृति की आवश्यकता होती है।
कुछ राज्य सरकारों ने जिला सहकारी बैंकों के राज्य सहकारी बैंकों के साथ 2-टियर शॉर्ट टर्म को-ऑपरेटिव क्रेडिट स्ट्रक्चर के रूप में मर्च करने को लेकर केंद्रीय बैंक आरबीआई से संपर्क किया, जिसके बाद रिजर्व बैंक यह दिशानिर्देश लेकर आया है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, आरबीआई बैंकों के मर्जर पर तब विचार करेगा, जब राज्य सरकारें कानूनी ढांचे की डिटेल्ड स्टडी करने के बाद एक या ज्यादा जिला सहकारी बैंकों को राज्य सहकारी बैंकों के साथ मर्ज करने का प्रस्ताव सामने रखती हैं।
इसके साथ ही एक एक अतिरिक्त पूंजी डालने की रणनीति होनी चाहिए, यदि आवश्यक हो तो वित्तीय सहायता के संबंध में आश्वासन, स्पष्ट लाभ के साथ अनुमानित व्यापार मॉडल और समामेलित बैंक के लिए प्रस्तावित शासन मॉडल होना चाहिए।
2 चरणों में होगी सैंक्शन औऱ अप्रूवल की प्रक्रिया
RBI की गाइडलाइंस के अनुसार बैंकों के मर्जर की योजना को शेयरहोल्डर्स के बीच बहुमत से अप्रूव करना जरूरी होगा। इसके साथ ही नाबार्ड (NABARD) को राज्य सरकार के प्रस्ताव की जांच और सिफारिश करनी होगी। गाइडलाइंस में आगे कहा गया है कि नाबार्ड के परामर्श से स्टेट को-ऑपरेटिव और जिला को-ऑपरेटिव बैंकों के विलय के प्रस्ताव की रिजर्व बैंक द्वारा जांच की जाएगी और फिर 2 चरणों में सैंक्शन और अप्रूवल की प्रक्रिया पूरी होगी।
ग्राहकों पर क्या होगा इसका असर…
बताते चलें कि, कई राज्यों में संचालित होने वाले बैंकों में अनियमितता, वित्तीय घोटाले समेत कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। आरबीआई ने कई बैंकों पर जुर्माना भी लगाया है और सख्त कार्रवाई करते हुए लाइसेंस भी रद्द किया है। दरअसल, ग्राहकों की भलाई केंद्रीय बैंक की प्राथमिकताओं में रही है। ताकि ग्राहकों द्वारा किसी भी बैंक में निवेश की गई रकम सुरक्षित रहे।