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RBI MPC: त्योहारों से पहले RBI ने दी राहत, लगातार आठवीं बार रेपो रेट के दरों में नहीं किया बदलाव

RBI MPC

आरबीआई-रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने त्याहारों से पहले बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने मौद्रिक नीति समति (MPC) ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।  चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक 6 अक्टूबर को शुरू हुई थी और आज दरों को अपरिवर्तित रखने का ऐलान किया गया। लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में कोई कमी नहीं की गई है। रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर है।

आपको बता दें कि रेपो रेट से बैंकों की ब्याज दरों पर असर पड़ता है। इसलिए रेपो रेट पर ऐलान अहम हो जाता है। इसके अलावा शक्तिकांत दास ने एलान किया है कि आरबीआई उदार रुख बनाए रखेगा। शक्तिकांत दास ने यह भी एलान किया है कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। उन्होंने बताया कि दूसरी तिमाही में 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 17.2 फीसदी पर रहने का अनुमान किया गया है।

रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह दर है, जिस पर देश का केंद्रीय बैंक (भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) फंड्स की कोई भी कमी होने पर कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है। रेपो रेट को मॉनेटरी अथॉरिटीज महंगाई काबू करने के लिए इस्तेमाल करती हैं। रेपो रेट घटने से बैंकों से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है। जैसे होम लोन, व्हीकल लोन आदि।

रिवर्स रेपो रेट क्या है?

रिवर्स रेपो रेट वह दर है, जिस पर देश का केंद्रीय बैंक (भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) देश के भीतर मौजूद कमर्शियल बैंकों से कर्ज लेता है। इसे देश में पैसे की सप्लाई को काबू में करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।