भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र में मलकापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी है। जिसके तहत, ग्राहक 10,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल पाएंगे। यह फैसला बचत और चालू खाता दोनों ग्राहकों के लिए लिया गया है। रिजर्व बैंक ने साफ शब्दों में कहा- 'मलकापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक आरबीआई की मंजूरी के बिना किसी भी लोन को रिन्यू नहीं करेगा और न ही कोई निवेश करेगा। इसके साथ ही कोई लायबिलिटी नहीं लेगा और न ही कोई भुगतान करेगा। आरबीआई ने ये कदम सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति में गिरावट के बाद उठाया गया।'
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि इस सहकारी बैंक पर लगाई गई पाबंदियों को उसका बैंकिंग लाइसेंस निरस्त करने के रूप में नहीं देखा जाएगा। आरबीआई ने बयान में कहा गया है कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक लगाए गए प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगी। रिजर्व बैंक भावी परिस्थितियों के आधार पर इन पाबंदियों में ढील या बदलाव पर विचार कर सकती है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र के कुछ सहकारी बैंक रिजर्व बैंक की पाबंदियों की जद में आ चुके हैं। इससे पहले नवंबर की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक पर पाबंदियां लगाई थीं।
यह भी पढ़ें- शॉर्ट्स पहनकर आने वालों को बैंक में एंट्री नहीं देगा SBI
बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक के ग्राहकों के लिए अधिकतम पांच हजार रुपए निकालने का प्रावधान किया गया है। पिछले साल पंजाब महाराष्ट्र सहकारी बैंक पीएमसी बैंक में घोटाले के कारण संकट की स्थिति पैदा हो गई थी। इस बैंक में ग्राहकों का करोड़ों रुपया फंस गया है। पीएमसी बैंक का यूनिटी स्माल बैंक में विलय प्रस्तावित है। इस विलय का प्रारूप रिजर्व बैंक ने हाल ही में जारी किया है। उस पर दावे आपत्ति मांगी गई है। पीएमसी बैंक ने वधावन बंधुओं की कंपनी को सैकड़ों करोड़ रुपये का कर्ज दे दिया था। यह पीएमसी बैंक के कुल वितरित कर्ज का 70 फीसदी से ज्यादा था।