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RCEP : दुनिया के सबसे बड़े फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर 15 देशों ने किए हस्ताक्षर

RCEP : दुनिया के सबसे बड़े फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर 15 देशों ने किए हस्ताक्षर

दुनिया के सबसे बड़े फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (The Regional Comprehensive Economic Partnership-RCEP) पर वार्ता करने वाले एशिया-प्रशांत के 15 देशों ने 15 नवम्बर को औपचारिक रूप से इस पर हस्ताक्षर किये। चीन समेत 15 देशों के नेता वीडियो कांफ्रेंसिंग से इस समझौते के हस्ताक्षर के गवाह बने।

चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर न सिर्फ पूर्वी-एशियाई क्षेत्रीय सहयोग में प्राप्त उल्लेखनीय उपलब्धि है, बल्कि बहुपक्षवाद और स्वतंत्र व्यापार की विजय भी है। यह अवश्य ही क्षेत्रीय विकास और समृद्धि में नयी प्रेरणा शक्ति डाल सकेगा और विश्व के आर्थिक पुनरुद्धार में योगदान देगा।

ली केकियांग ने कहा कि हालिया अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में 8 साल की वार्ता के बाद RCEP पर हस्ताक्षर करने से कोहरे में लोगों ने प्रकाश और आशा देखी है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि बहुपक्षवाद सही तरीका है, और वैश्विक अर्थव्यवस्था और मानवता की प्रगति की सही दिशा का प्रतिनिधित्व करता है।

ली केकियांग ने कहा कि चुनौती के सामने लोगों ने टकराव और प्रतिरोध के बजाए एकता व सहयोग को चुना। जिससे यह साबित हुआ है कि खुलेपन व सहयोग विभिन्न देशों के आपसी लाभ और साझी जीत को साकार करने का आवश्यक रास्ता है। अगर हम विश्वास के साथ हाथ मिलाकर सहयोग करेंगे तो अवश्य ही पूर्वी-एशिया में मानव जाति के और सुन्दर भविष्य की रचना की जा सकेगी।

क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (RCEP) में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ 10 दक्षिण पूर्व एशियाई अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। जिसमें वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा है। पहली बार 2012 में प्रस्तावित इस समझौते पर दक्षिण-पूर्व एशियाई शिखर सम्मेलन के अंत में मुहर लग गई। क्योंकि सभी नेताओं ने कोरोना महामारी से प्रभावित अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए इसे बढ़ावा दिया।

टैरिफ को कम करने और ब्लॉक के भीतर सेवाओं के व्यापार को खोलने के लिए हुए दुनिया के सबसे बड़े फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में अमेरिका शामिल नहीं है। आरसीईपी "बेल्ट एंड रोड पहल की तरह चीन की व्यापक क्षेत्रीय भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को मजबूत करता है। हस्ताक्षर करने वाले कई देश कोरोनोवायरस के गंभीर प्रकोप से जूझ रहे हैं और वे यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि आरसीईपी महामारी के आर्थिक असर को कम करने में मदद करेगा।

इंडोनेशिया ने हाल ही में दो दशकों में अपनी पहली मंदी का अनुभव किया, जबकि नवीनतम तिमाही में फिलीपींस की अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत की गिरावट आई है।

सस्ते चीनी सामानों के देश में प्रवेश को लेकर चिंताओं के बीच भारत ने पिछले साल RCEP एग्रीमेंट से हाथ खींच लिए थे। रविवार को RCEP एग्रीमेंट पर आभासी हस्ताक्षर के दौरान यह सबसे उल्लेखनीय अनुपस्थिति थी। RCEP एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने वालों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में नई दिल्ली फिर से जुड़ जाएगा।.