सरकारी नौकरी वालों के लिए रिटायरमेंट के बाद आने वाले इनकम के बारे में तो ज्यादा नहीं सोचना पड़ता है लेकिन प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों के लिए अपने रिटायरमेंट का प्लान पहले से ही बना कर चलना पड़ता है। इसके लिए कई स्कीमें हैं जिसमें आप पैसा इन्वेस्ट कर अपने रिटायरमेंट के बाद आने वाले इनकम को लेकर प्लान बना सकते हैं। अगर आप अब तक कहीं इंवेस्ट नहीं किए हैं तो अब इन्वेस्ट करना शुरू कर दें।
पर्सनल फाइनेंशियल के विशेषज्ञों का कहना है कि आपकी जो मौजूदा लाइफस्टाइल है उसे बरकरार रखने के लिए रिटायरमेंट बाद की आय इसकी 80 फीसदी होनी चाहिए। भारतीय लोगों की रिटायरमेंट आमदनी 30 फीसदी कम पड़ जाती है। आखिर क्या है रिटायरमेंट प्लानिंग का सबसे अच्छा तरीका?अमूमन रिटायरमेंट के लिए हम ईपीएफ (एंप्लॉयज प्रॉविडेंट फंड) और पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) में इनवेस्टमेंट का पर्याप्त मान लेते हैं। लेकिन पीएफ और पीपीएफ का 7.5 फीसदी ब्याज महंगाई के हिसाब से आपके भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए नाकाफी होगा. एक अच्छे रिटायरमेंट फंड के लिए एनपीएस, म्यूचुअल फंड और इसकी सिप योजनाओं में निवेश का सहारा लिया जा सकता है।
बचना चाहिए इन गलतियों से
रिटायरमेंट को लेकर लोग कई गलतियां कर देते हैं, इन गलतियों से जितना बचेंगे आपकी प्लानिंग उतनी ही अच्छी होगी। विशेषज्ञों की माने तो आपको अपनी पहली सैलरी आते ही रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। जब आप युवा हो और आपके पास कार, होम लोन या अलग इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम का बोझ न हो तो एक नियम के मुताबिक अपने खर्च का 30 फीसदी सेव करें और सही तरीके से निवेश करें।
इसे करें नजरअंदाज
रिटायरमेंट प्लानिंग में महंगाई का भी ध्यान रखना चाहिए। सात फीसदी महंगाई की दर से 50 रुपये के सामान 30 साल में 380 रुपये का हो जाएगा। अगर इन्फ्लेशन का ध्यान न रखें तो निवेश का फायदा नहीं मिल पाएगा। हमेशा ऐसे प्रोडक्ट में निवेश करें जो इनफ्लेशन से ज्यादा रिटर्न दे रहा हो।
पर्याप्त हेल्थ कवरेज न लेना
हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी, बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें लाजिमी है। इसलिए अपनी फैमिली हिस्ट्री और पर्सनल हेल्थ सिचुएशन को ध्यान में रख कर आपको बेस्ट प्लान चुनना चाहिए।