कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोगों की नौकरियां चली गई, सब कुछ सामान्य होने के बाद कई लोगों को नौकरी मिल गई तो कई लोग अब भी इधर-उधर भटक रहे हैं। ऐसे में स्टार्ट अप कंपनियां उभर कर भारी मात्रा में सामने आई। इस दौरान कई लोग ऐसे हैं जो नौकरी नहीं मिलने की वजह से या फिर नौकरी छोड़ कर बिजनेस शुरू कर रहे हैं जिसमें उनको हर महीने लाखों की आमदनी हो रही है। आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे कारोबार के बारे में जिसमें आप केवल 50 हजार रुपए लगाकर लाखों रुपए कमा सकते हैं।
काफी लोग खेती के जरिए अच्छा खासा कमाई कर रहे हैं, कई ऐसी फसलें हैं जिन्हें आप कम समय और कम लागत से शुरू कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। इसी में से एक है औषधीक गुणों वाला ऐलावेरा की खेती। इसका इस्तेमाल आजकल दवाइयों और सौंदर्य उत्पादों में जमकर किया जा रहा है। ऐसे में ऐलोवेरा की मांग भी काफी बढ़ गई है। लिहाजा इसकी खेती आपकी आर्थिक परेशानियों को खत्म कर सकती है।
देश के साथ-साथ विदेशों में भी ऐलोवेरा की भारी डिमांड है। इसका इस्तेमाल खाद्य पदार्थों में भी खूब किया जा रहा है। भारत में इस वक्त ऐलोवेरा की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है, कई कंपनियां इसके प्रोडक्ट बना रही हैं, देश के लघु उद्योगों से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियां ऐलोवेरा प्रोडक्ट बेचकर करोड़ों कमा रही हैं। ऐसे में आप भी ऐलोवेरा की खेती कर हर साल लाखों की कमाई कर सकते हैं।
लागत और कमाई
ऐलोवेरा की खेती शुरू करने के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की लागत आती है। एक साल लगाने के बाद तीन साल तक फसल लिया जा सकता है और हर साल इसकी लागत कम होती जाएगी लेकिन मुनाफा ज्यादा होगा। इसे आप मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ साथ मंडियों में भी बेच सकते हैं। कारोबार बढ़ाने के लिए ऐलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर ज्यादा कमाई कर सकते हैं। प्रोसेसिंग यूनिट से ऐलोवेरा जेल या जूस बेचकर आप मोटी कमाई कर सकते हैं। छोटे आकार की एक प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर करीब 5 लाख रुपये तक का खर्च आएगा।
कम खाद में इसका बेहतर उत्पादन किया जा सकता है, यानी की ज्यादा उजाऊ जमीन की जरूरत नहीं है। अच्छी उपज के लिए खेत को तैयार करते समय 10-15 टन सड़ी हूए गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल करनी चाहिए। आप कम लागत से हैंडवाश या ऐलोवेरा साबुन का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। कॉस्मेटिक, मेडिकल और फार्मास्यूटिकल्स के फील्ड में ऐलोवेरा की मांग काफी ज्यादा है। ऐलोवेरा जूस, लोशन, क्रीम, जेल, शैम्पू सभी चीज की बड़ी मांग है, इसके अलावा आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में सालों से ऐलोवेरा का इस्तेमाल होता आया है।
ऐलोवेरा की खेती शुष्क क्षेत्रों से लेकर सिंचित मैदानी क्षेत्रों में की जा सकती है। हालांकि, अब लगभग सभी भागों में इसकी खेती हो रही है। इसकी किस्मों में आईसी 111271, आईसी 111280, आईसी 111269 और आईसी 111273 का कॉमर्शियल उत्पादन किया जा सकता है। इनमें पाई जाने वाली एलोडीन की मात्रा 20 से 23 फीसदी तक होती है।