1 जुलाई 2021 यानी आज से आयकर की नई धारा धारा 206एबी लागू हो रही है। इस धारा के तहत विभाग रिटर्न नहीं भरने वालों से ज्यादा टीडीएस, टीसीएस वसूलेगा। दरअसल ये नियम उन लोगों पर लागू होगा जिनका सालाना टीडीएस 50,000 रुपए या इससे ज्यादा होता है। वहीं इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने वालों के लिए लागू दर से ज्यादा पर टैक्स को काटने का प्रावधान है। दरअसल, आयकर विभाग रिटर्न न भरने वालों की जांच करने के लिए सीबीडीटी नया नियम धारा 206एबी और 206सीसीए के तहत पेश किया, जो आज से लागू हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक कर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की शुरुआत में पिछले वर्ष 2018-19 और 2019-20 को लेकर आय का रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले करदाताओं की सूची तैयार की है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने हाल ही में कोविड 19 की दूसरी लहर के मद्देनजर कुछ राहत प्रदान करने के लिए आयकर से संबंधित विभिन्न समय सीमा बढ़ा दी है। अब करदाताओं के पास वित्त वर्ष 2020-21 का टीडीएस दाखिल करने के लिए 15 जुलाई तक का समय होगा।
सामान की खरीद पर लगने वाला टीडीएस– किसी सामान को खरीदने के लिए पहले से ही तय कीमत के भुगतान पर लगने वाले टीडीएस से जुड़ा हुआ है। इसके तहत 50 लाख रुपये से ऊपर की कारोबारी खरीद पर 0.10 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा। अगर पिछले साल किसी कारोबारी का टर्नओनर 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक रहा है तो इस साल वह 50 लाख से ऊपर का माल खरीदेगा। 50 लाख रुपये से ऊपर की जितनी भी बिक्री होगी, उस पर 0.10 फीसदी टीडीएस कटेगा।
टीडीएस रिटर्न फाइल नहीं करने पर बढ़ा जुर्माना- धारा 206एबी सेक्शन भी लागू हो चुका है। ऐसे में अगर विक्रेता ने दो साल तक आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया तो यह टीडीएस 5 फीसदी हो जाएगा। यानी पहले जो टीडीएस सिर्फ 0.10 था, उसके 5 फीसदी होने का मतलब है कि टीडीएस की दर 50 गुना बढ़ जाएगी। अगर पिछले वित्त वर्ष में टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) 50 हजार रुपये से ज्यादा है तो भी टीडीएस कटौती 5 फीसदी की दर के की जाएगी।
आधार-पैन लिंक कराना भी ना भूलें– अगर आपने आधार को पैन से लिंक नहीं किया है तो आपको बड़ी दिक्कत होने वाली है। 31 मार्च को सीबीडीटी ने आधार और पैन को लिंक करने की आखिरी तारीख को 30 जून तक बढ़ाया था। हालांकि, टैक्स डिपार्टमेंट के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ये आखिरी बार है जब लिंकिंग की तारीख बढ़ाई गई है। अभी भी जो लोग आधार-पैन लिंक नहीं करवाएंगे, उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगाने की तैयारी की जा रही है।