केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई के योगदान को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग 50 प्रतिशत करने और निर्यात का 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक करने का उनका लक्ष्य है।
नीति आयोग द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत एआरआईएसई अटल न्यू इंडिया चैलेंज' का शुभारंभ करने के लिए आयोजित एक वर्चुअल बैठक में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि उनकी सरकार एमएसएमई क्षेत्र में 5 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। ये क्षेत्र वर्तमान में लगभग 11 करोड़ लोगों को रोजगार देता है।
गडकरी ने नीति आयोग के 'आत्मनिर्भर भारत एआरआईएसई अटल न्यू इंडिया चैलेंज पहल की सराहना की और विभिन्न क्षेत्रों में हो रही समस्याओं के समाधान खोजने के लिए नई तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए काम करने का आह्वान किया ताकि मूल्य वर्धन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अतिरिक्त चावल के मुद्दे का हवाला दिया, जिसका उपयोग एथेनॉल बनाने के लिए किया जा सकता है। जिससे एक ओर भंडारण की समस्या को दूर किया जा सकेगा और दूसरी ओर आयात प्रतिस्थापन के रूप में देश को हरित ईंधन प्रदान किया जा सकेगा।
इस मुद्दे पर आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि नवाचारों में जोखिम लेने की क्षमता/नए समाधान खोजने को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और इस प्रक्रिया में सदाशयी गलतियां करने वालों को संरक्षित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि जब 115 आकांक्षी जिलों सहित पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों को विकास के दायरे में लाया जाएगा तो देश की तरक्की को और गति दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इन क्षेत्रों के विकास और समृद्धि पर जोर दिया है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ रहे हैं।
गडकरी ने यह भी कहा कि हमें प्रधानमंत्री के इस विजन की भावना के अनुसार काम करने की जरूरत है कि विज्ञान को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों सहित आम लोगों की समस्याओं को हल करने की दिशा में काम करना चाहिए।
मंत्री ने नवाचारों और उद्यमिता के लिए व्यापक समर्थन की वकालत की ताकि सच्ची नई प्रतिभाओं को भी आगे बढ़ने का मौका मिले। इससे लागत को कम करने में भी मदद मिलती है। उन्होंने यह भी महसूस किया कि कृषि और एसटी/एससी के लिए योजनाओं के प्रदर्शन ऑडिट से योजनाओं को बेहतर ढंग से लक्षित करने में मदद मिलेगी।
आत्मनिर्भर भारत एआरआईएसई अटल न्यू इंडिया चैलेंज कार्यक्रम का उद्देश्य सक्रिय रूप से मंत्रालयों और संबद्ध उद्योगों के साथ सहयोग करना है ताकि अनुसंधान व नवाचार को उत्प्रेरित किया जा सके और क्षेत्रीय समस्याओं के लिए अभिनव समाधानों की सुविधा प्रदान की जा सके।.