उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान प्रत्याशियों और मतदाताओं में मास्क लगा कर घूमने को लेकर जागरूकता बढ़ी है। पहले चरण के मतदान में कोई इक्का-दुक्का उदाहरण देखने को मिले जहां मास्क का उपयोग न हो रहा हो, अलबत्ता सभी जगह सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का भरपूर उपयोग देखने को मिला। पंचायत चुनावों में मास्क को लेकर एक ट्रेंड और देखने को मिला है वो यह कि जय श्रीराम लिखे हुए मास्क की विक्री जोरों पर है। मास्क बनाने और छापने वालों का कहना है कि यह ट्रेंड उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और रायबरेली से शुरू हुआ और अब पूरे प्रदेश में फैल गया। श्रीराम प्रिंटेड मास्क की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि मास्क आते ही स्टॉक खाली हो जाता है।
वैसे तो यूपी में दिल्ली से भी मास्क की सप्लाई हो रही है लेकिन राजधानी लखनऊ में मास्क सप्लायर्स का कहना है कि पंचायत चुनाव में भी लोग श्रीराम प्रिंटेड मास्क खरीद रहे हैं। कुछ लोग अपने प्रत्याषी फोटो प्रिंटे कर रहा हैं। सप्लायर्स का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मास्क की डिमांड अचानक इतनी बढ़ गई है कि कारीगर चौबीस घण्टे काम कर रहे हैं फिर भी ऑर्डर पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
एक खास बात और यह है कि, श्रीराम लिखे मास्कों के खरीदार केवल बीजेपी समर्थक प्रत्याशी नहीं बल्कि गैर भाजपाई ज्यादा है। खासतौर से मुस्लिम प्रत्याशी हिंदू मतदाताओं को रिझाने के लिए श्रीराम प्रिंटेड मास्क भारी मात्रा में खरीद रहे हैं। यूपी के मास्क सप्लायर्स का कहना है कि वजह कुछ भी हो लेकिन मास्क लगाने को लेकर बढ़ी जागरूकता अच्छी है। इससे लोग हेल्थ कांशियस हो रहे हैं। मास्क लगाने और कोरोना को दूर रखने की महत्ता को समझने लगे। पंचायत चुनावों ने कोरोना और मास्क को लेकर जागरूकता पैदा कर दी है। जो काम सरकार एक साल से नहीं कर पाई वो काम पंचायत चुनावों ने कुछ ही दिनों में कर दिखाया।