सैन्य साज-सामान के लिए रूस, फ्रांस पर निर्भर भारत के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ऐसा आएगा जब अमेरिका जैसा देश भारत के बनने वाले लड़ाकू जहाजों को खरीदने पर विचार करेगा। जी हां, आज वो दिन आ गया है जब भारत के एलसीए (लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट) खरीदने की सोच रहा है।
अमेरिका के पास लॉकहीट मार्टिन और बोइंग जैसी कंपनियां हैं जो दुनियाभर को सैन्य और असैनिक जहाजों की सप्लाई करती हैं, लेकिन अमेरिका भारत से जेट खरीदने जा रहा है। दरअसल, यूएस नेवी के ट्रेनर जेट काफी पुराने हो चुके हैं। यूएस नेवी उन सबको बदलने जा रही है। लॉकहीट मार्टिन और बोइंग जैसी कंपनियां यूएस नेवी को ट्रेनर जेट दे सकती हैं, लेकिन उसके लिए यूएस नेवी को भारी-भरकम रकम अदा करनी पड़ेगी और समय भी ज्यादा लग सकता है।
दूसरी बात यह है यूएस भारत के साथ सैन्य व्यापार में संतुलन बिठाने के लिए भी भारत का एलएसी खरीदने का इच्छुक है। अमेरिका ने नेवी के लिए तेजस की आरएफआई (रिक्वेस्ट फॉर इनफॉरमेशन) डाली थी। इस पर चार देशों से प्रोपोजल मिले हैं। जिस पर इंडिया से तेजस के बारे में आगे की जानकारी मांगी है।.