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नेटफ्लिक्स, अमेजन जैसे OTT प्लेटफार्म्स पर सरकार की पैनी निगाह, सेक्स और हिंसा वाला कंटेट दिखाया तो नप जाएंगे

OTT पर सरकार की कड़ी निगरानी

केंद्र सरकार पिछले दिनों ओटीटी प्लेटॉर्म पर निगरानी के लिए नया कानून बनाया है। इसके तहत ‘नेटफ्लिक्स' और ‘अमेजन प्राइम' जैसे OTT (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म के कंटेंट पर सरकार निगरानी रखती है। अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में  हलफनामा दायर कर बताया कि वह OTT (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म के कंटेट पर निगरानी रखे हुए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि नए नियमों के मुताबिक OTT प्लेटफार्म जैसे नेटफ्लिक, अमेजॉन प्राइम के कंटेनेट पर निगरानी रखी जा रही है।

मंत्रालय ने बताया कि OTT प्लेटफार्म को लेकर उनके पास कई शिकायतें मिली थी जिसमें MP/MLA, बुद्धिजीवी शामिल थे। केंद्र ने बताया कि उन शिकायतों पर गौर करने के बाद इसी साल OTT प्लेटफार्म के कंटेंट पर निगरानी के लिए एक नया गाइडलाइन लाया गया है। केंद्र ने बताया कि इस एक्ट कि धारा 67,67A और 67B में ये प्रावधान है कि सरकार आपत्तिजनक कंटेनेट को प्रतिबंधित कर सके। दअरसल याचिकाकर्ता शशांक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर OTT प्लेटफार्म के कंटेनेट को रेगुलेटर करने की मांग की थी।

आईटी व सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया और OTT प्लटेफॉर्म्स के लिए कुछ गाइडलाइंस तैयार की हैं। इन गाइडलाइंस के तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए यह प्रावधान रखा गया है कि उन्हें अपने काम की जानकारी देनी होगी कि वे कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं। साथ ही सेल्फ रेगुलेशन भी अपनाना होगा। गाइडलाइंस के तहत एक नियमन इकाई भी बनाने की बात थी, जिसके तहत प्लेटफॉर्म्स को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति के हेड करने की बात थी।