कोरोना वायरस ने पूरे देश में कोहराम मचाया हुआ है। ये वायरस अभी तक लाखों लोगों की जान ले चुका है। वहीं वैज्ञानिक ये जानने में जुटे है कि कोरोना वायरस आखिर कहां से आया है?, जब भी ये सवाल उठता है, तो दुनियाभर की निगाहें चीन पर आकर टिक जाती है। लेकिन इस बीच एक और सवाल है कि अगर चीन से कोरोना वायरस निकला तो उसने इतनी जल्दी इस पर काबू कैसे पा लिया, क्या उसने इसकी वैक्सीन पहले ही बना ली थी ? इसको लेकर टॉप वायरोलॉजिस्ट ने अपनी-अपनी राय पेश की।
टॉप वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि चीन दुनिया से सच छिपा रहा था और उसने महामारी से पहले ही वैक्सीन तैयार कर ली थी। एक प्रसिद्ध भारतीय वायरोलॉजिस्ट ने दावा किया है कि चीन ने कोरोना वायरस के फैलने की या लीक होने की संभावना को देखते हुए पहले ही वैक्सीन विकसित कर ली थी। आपको बता दें कि कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस वायरस एक लैब में तैयार किया गया था। उन्होंने आशंका जताई कि वैक्सीन के शुरुआती दिनों में ही मौजूद होने से चीन को कोरोना वायरस को समय रहते कंट्रोल करने में मदद मिली।
कोरोना वायरस के दर्ज मामलों में चीन दुनियाभर में 98वें नंबर पर मौजूद है। जॉन क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर में क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग के प्रमुख वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब ने कहा कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से संदिग्ध रिसाव को लेकर कुछ रहस्य है। चीन कुछ छिपा रहा हैं… चीन ने इसके लिए पहले से तैयारी की थी। सब कुछ वो नहीं है जो आंख से दिख रहा है। उन्होंने एक युवा चीनी वैज्ञानिक द्वारा कोरोना वैक्सीन के लाइसेंस के लिए 24 फरवरी 2020 को दिए गए आवेदन के उदाहरण का जिक्र किया।
वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब ने आशंका जताई कि कोरोना विस्फोट के महज 2 महीने के भीतर वैक्सीन पर काम करना शुरु कर दिया था। उन्होंने कहा कि वो युवा चीनी वैज्ञानिक मर चुका है। इसमें अभी बहुत सारे राज है। ऐसा लगता है कि चीन कुछ छुपा रहा है, जैसे कोई अपराधी छिपाता है। उन्होंने कहा कि यहां कुछ ऐसे सबूत है जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ये लैब से ही बना वायरस है। आपको बता दें कि कोरोना की उत्पत्ति की जांच को लेकर अब चीन चौतरफा घिरता जा रहा है। अब न सिर्फ जर्नल और स्टडी उसकी पोल खोलते नजर आ रहे हैं, बल्कि अमेरिका, भारत और ब्रिटेन जैसे देश भी उस पर निष्पक्ष जांच का दवाब बना रहे हैं।