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Delhi के दरियागंज में Gulshan Kumar बेचते थे जूस, जानें कैसे अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के बन गए दुश्मन

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टी-सीरिज कंपनी के निर्माता गुलशन कुमार की आज पुण्यतिथि हैं। गुलशन कुमार का जन्म पंजाब में हुआ, लेकिन वो पले-बढ़े दिल्ली में। वो दिल्ली के दरियागंज बाजार में अपने पिता के साथ जूस की दुकान पर हाथ बंटाते थे। 23 साल की उम्र में उन्होंने अपनी एक दुकान खोली और सस्ते ऑडियो कैसेट बेचने का काम शुरू कर दिया। लेकिन वो अपने इस काम से खुश नहीं थे, वो कुछ बड़ा करना चाहते थे। उन्होंने काफी कम उम्र में जिंदगी में सफलता का मंत्र जान लिया था। कड़ी मेहनत कर वो कुछ सालों में ही म्यूजिक कंपनी टी-सरीज के मालिक बन गए।

एक वक्त ऐसा था, जब लोगों की जुबां पर सिर्फ और सिर्फ गुलशन कुमार का नाम ही रहता था। गुलशन कुमार देश में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाले शख्स बन गए थे। टी-सीरिज कंपनी की सफलता गुलशन कुमार के लिए मौत का कारण बनेगी ये किसी ने भी सोचा नहीं था। उस समय दाऊद इब्राहिम और उसके राइट हैंड माने जाने वाले अबू सलेम का दबदबा था।  12 अगस्‍त 1997 को गुलशन कुमार हर रोज की तरह पश्चिमी मुंबई के अंधेरी इलाके में जीतनगर स्थित जीतेश्वर महादेव मंदिर में आरती करने गए।

उस दिन सुबह ठीक 10 बजकर 40 मिनट पर उन्होंने मंदिर में पूजा समाप्त की और जैसे ही अपनी गाड़ी की तरफ बढ़े, लंबे बालों वाले एक शख्स उनके पास आकर खड़ा हुआ और चिल्लाकर बोला- 'बहुत पूजा कर ली अब ऊपर जाकर पूजा करना।' वहां खड़े लोगों ने अपने बयान में बताया कि इस बात को बोलते ही उस आदमी ने गुलशन कुमार को गोली मार दी। गोली सीधे उनके सिर पर लगी।  कहा जाता है कि ये हत्या सिंगर नदीम के इशारे पर की गई। इंडस्ट्री में नाम घटने का गुस्सा नदीम के दिमाग पर इस कदर हावी हुआ कि उसने गुलशन कुमार की हत्या कराने का मन बना लिया था।

इस काम के लिए उसने अंडरवर्ल्ड का सहारा लिया। उन दिनों बॉलीवुड पर अंडरवर्ल्ड का सीधा प्रभाव था। दाऊद इब्राहिम दुबई से अपना धंधा चलाता था और अबू सलेम उस वक्त दाऊद का गुर्गा था। नदीम का फोन जाने के बाद उसने दुबई में एक मीटिंग की और गुलशन कुमार को फोन किया। अबू सलेम ने गुलशन कुमार को दस करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। गुलशन कुमार ने घबराकर ये बात अपने छोटे भाई किरण कुमार को बताई। बताया जाता है कि उससे थोड़े दिन पहले ही गुलशन कुमार ने कथित तौर पर एक किश्त दाऊद गैंग को दी थी। वो फिर से अब उसे पैसा नहीं देना चाहते थे,इसलिए उन्होंने इस धमकी पर चुप लगा जाना ही बेहतर समझा।

जब अबू सलेम को ये पैसा तय वक्त पर नहीं मिला तो उसने तय कर लिया कि गुलशन कुमार की हत्या करनी पड़ेगी। तीन शूटर इसके लिए रखे गए और उन्होंने जुहू के एक मंदिर के बाहर एक 12 अगस्त 1997 की सुबह गोली चला दी। गुलशन उस वक्त वहां से पूजा करके निकल रहे थे। गुलशन के सिर में गोली लगी उन्होंने बचने की कोशिश की तो बाकी दो शूटर्स ने उन पर 16 गोलियां दाग दीं। उनके ड्राइवर ने उन्हें बचाने की कोशिश की तो शूटर्स ने उसे भी गोली मार दी। जिसके बाद गुलशन कुमार को अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो चुकी थी।